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हमारा हेलीकॉप्टर इंजन वापस करो, यूक्रेन युद्ध का हवाला दे रूस ने पाकिस्तान को दिया झटका

पिछले 624 दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। संघर्ष लंबा खिंचने के कारण रूस अब मुश्किल स्थिति में है। इसने अपने सैन्य हथियारों को फिर से हासिल करने की कोशिशों में पूर्व रक्षा सहयोगियों की ओर रुख किया है।इस कड़ी में मॉस्को ने विशेष रूप से भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर ध्यान केंद्रित किया है, जो कई वर्षों से रूस से सैन्य उपकरण खरीता रहा है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, रूस ने इस्लामाबाद से हेलीकॉप्टर इंजन वापस करने को कहा है। ये Mi-35M हेलीकॉप्टर के आवश्यक हिस्से हैं, जिसका यूक्रेन में व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है। हालाँकि, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया है और कहा है कि रूस ने ऐसे किसी अनुरोध के साथ उससे संपर्क नहीं किया है।

WSJ की रिपोर्ट से साफ होता है कि रूस यूक्रेन युद्ध के बीच सैन्य प्रयासों में तत्काल सहायता तलाश रहा है। उसे अंतरराष्ट्रीय सैन्य गठबंधनों से कड़ी टक्कर मिल रही है। जंग के बीच रूस के रक्षा उद्योग पर भी व्यापक प्रभावों के संकेत हैं। इसलिए रूस ने पाकिस्तान से अपने हेलीकॉप्टर इंजन की मांग की है।

रिपोर्ट के अनुसार, मॉस्को ने मिस्र और बेलारूस जैसे अन्य सहयोगी देशों से भी इसी तरह का अनुरोध किया है। इससे साफ होता है कि रूस में बड़े पैमाने पर रक्षा उपकरणों की कमी हो गई है और इससे निपटने के लिए वह से पहले से ही उपयोग किए जा चुके उपकरणों को हासिल करना चाह रहा है, ताकि अपने सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी कर सके। अखबार के मुताबिक यह एक नई और बड़ी प्रवृत्ति उजागर हुई है।

दूसरी तरफ मॉस्को में शीर्ष चीनी जनरल झांग यूक्सिया से मुलाकात के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन के साथ रूसी सैन्य सहयोग को भी अंतिम रूप दिया है और उसे “हाई-टेक” और महत्वपूर्ण बताया। उस बैठक में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु भी थे। रूस के रक्षा जरूरतों का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि रूसी रक्षा मंत्री ने 10 दिनों के अंदर दूसरी बार चीनी जनरल से मीटिंग की है। उधर, बुधवार को जी7 ने अपनी मीटिंग में बीजिंग से आग्रह किया है कि वह युद्ध में रूस की सहायता न करे। चीन ने अभी तक यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की निंदा नहीं की है।

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