औरैया। जनपद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के गौ सेवा विभाग की बैठक में प्रत्येक जिले में गौ उत्पाद बिक्री केंद्र की स्थापना करना, पंचगव्य औषधीयों एवं नित्य प्रयोग सामग्री आदि का उपयोग अपने घर परिवार में प्रारंभ करने एवं प्रत्येक जिले में गौ सेवा विभाग के लिए छह कार्यकर्ताओं को जिले की टीम में जोड़ना जोर दिया गया।
आरएसएस के औरैया शहर में स्थित कार्यालय में गत दिवस गौ सेवा विभाग कानपुर प्रांत की बैठक में संघ के प्रांत प्रचारक श्री राम जी ने कहा कि प्रान्त के प्रत्येक जिले में कोई ना कोई एक गौ सेवा का कार्य प्रारंभ होना चाहिए, छोटा-छोटा काम करके उसकी ब्रांडिंग करना चाहिए, गौशाला चलाने वालों का एक वर्ष में सम्मेलन भी करना चाहिए। उन्होंने कहा की गाय की सेवा करने से सभी देवी देवताओं की सेवा एवं पूजा हो जाती है, इसलिए सभी परिवारों में आग्रह करना चाहिए कि गौ माता की पूजा प्रतिदिन करके उन्हें गो ग्रास खिलाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार के द्वारा गौ रक्षा हेतु उठाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने प्रत्येक जिले में आठ दस गौशाला निर्माण की हैं, उनके संचालन के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता भी दे रही है, परंतु सामाजिक बुराइयां होने के कारण से अथवा यह कहें कि अधिकारियों की चापलूसी एवं लापरवाही के कारण से सरकार की इस योजना को बट्टा लग रहा है तथा गौ माता की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा।
गौ सेवा प्रान्त प्रमुख राम बहादुर ने कहा की हम जहां रहते हैं वहां पर एक कार्य गौ सेवा से जुड़ा हुआ अवश्य करना चाहिए। वह कार्य गोपालन गौ संवर्धन, जैविक कृषि, गौ ऊर्जा, गौ उत्पाद का प्रचार प्रसार, गो उत्पाद विक्री केंद्र का संचालन एवं गाय की सेवा करके भी किया जा सकता है। उन्होंने गौ सेवा हेतु एक प्रांत टोली का भी गठन किया जिसमें प्रांत जैविक कृषि का कार्य सुरेंद्र इटावा एवं सौरभ तिवारी औरैया, गो ऊर्जा का कार्य कौशल गौरव कानपुर, गौ उत्पाद निर्माण का कार्य गौ सेवा प्रशिक्षण प्रमुख संतोष औरैया, पंचगव्य मनुष्य चिकित्सा का कार्य डॉक्टर शिव दास महोबा, पंचगव्य औषधीय नित्य प्रयोग सामग्री एवं जैविक खाद की बिक्री का कार्य आदित्य शुक्ला व अभिषेक कानपुर देखेंगे तथा पूज्य संत मिथिलेश महाराज औरैया के गौ कथा एवं मठ मंदिरों में गोपालन की व्यवस्था का कार्य देखने के लिए नियुक्त किया।
गौ सेवा प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख संतोष कुमार ने प्रांत में प्रशिक्षण वर्ग लगाने की बात कही जिसमें पंचगव्य औषधीय प्रयोग सामग्री एवं जैविक खाद के निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने यह भी निश्चित किया कि यह प्रशिक्षण वर्ग दिनांक 26 सितंबर शाम 5ः00 से 28 सितंबर दोपहर 1ः00 बजे तक औरैया में संपन्न होगा। उन्होंने पंचगव्य उत्पाद की बिक्री के लिए विशेष आग्रह करते हुए कहा कि प्रत्येक जिले में एक उत्पाद बिक्री केंद्र की स्थापना करनी चाहिए, प्रत्येक जिले में कोई ना कोई एक दो उत्पाद का निर्माण किया जाए और जिन जिलों में जो उत्पाद निर्माण हो रहा है उसको कानपुर में भंडारण किया जाए तथा वहां से प्रत्येक जिले में और गौशालाओं के द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री केंद्र पर भेजा जाए ताकि वहां से वह बिक्री प्रारंभ हो सके। जब तक गौ उत्पादों की बिक्री प्रारंभ नहीं होगी गोबर गोमूत्र की विक्री प्रारंभ नहीं होगी तब तक गौ माता की रक्षा कर पाना असंभव है। बैठक में उपस्थ्ति स्वयंसेवकों द्वारा कोरोना वायरस के चलते सोषल डिस्टेंसिंग का पूर्णतया पालन किया गया।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर