लखनऊ. परिवहन विभाग बैंक की तर्ज पर अब आरटीओ कार्यालय का रिकार्ड डिजिटल करेगा। इससे किसी जिले में आवेदक का ब्यौरा एक किल्क पर सामने आ जाएगा। इस सुविधा को शुरू करने के लिए पायलट प्रोजेक्टर के तौर पर पहले चरण में लखनऊ, सीतापुर व फैजाबाद को चुना गया है।परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंकों की तर्ज पर आरटीओ कार्यालय के रिकार्ड को स्कैन कराकर इलेक्ट्रानिक रिकार्ड तैयार किए जा रहा है। परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आदेश पर इस योजना के पहले चरण में सीतापुर व फैजाबाद में काम शुरू हो गया है। इसके बाद लखनऊ आरटीओ कार्यालय के रिकार्ड डिजिटल होंगे। इस सुविधा से ड्राइविंग लाइसेंस का नम्बर फीड करते ही स्वतः डीएल का ब्यौरा स्क्रीन पर आ जाएगा। इससे विभागीय कार्य प्रणाली सरल हो जाएगी। वहीं आवेदकों के काम भी तेजी से निपटेंगे।
आईटी सेल के एआरटीओ संजय नाथ झा ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तीन जनपदों में सौ दिन के अंदर व समूचे प्रदेश भर में वित्तिय वर्ष 2017-18 में डिजिटल इंडिया के तहत यह काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया के तहत प्रदेश भर के आरटीओ कार्यालय भी अब एक दूसरे कार्यालय से लिंक किए जाएंगे। इससे आवेदकों के रिकार्ड आसानी से एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय पहुंच जाएगा। साथ ही वहां पर एक किल्क पर आवेदक का ब्यौरा सामाने होगा। सबसे ज्यादा फायदा उन आवेदकों को मिलेगा जिन्हें आरटीओ कार्यालय द्वारा जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने के लिए एक दूसरे आरटीओ कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है।