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सनसनीखेज़ : विवेकानंद हॉस्पिटल में परिजनों का हंगामा मरीज को गलत दवा देकर मारने का लगा रहे आरोप

लखनऊ। अगर आप शहर के अस्पतालों में अपना या अपने किसी परिवार के सदस्य का इलाज कराने जा रहे हैं तो ये मान के चलिए कि आप कतई बचेंगे नहीं। इन शब्दों को पढ़ कर आप चौंके ज़रूर होंगे लेकिन, सत्य यही है।

इस ख़बर में जितनी भयावहता का अहसास आपको हो रहा है, उससे कहींं ज़्यादा भयावहता उस अभागन के साथ ग़ुज़र रही है, जो इस वक़्त आइटी चौराहे पर स्थित, शहर के नाम-चीन अस्पताल स्वामी विवेकानंद अस्पताल में मौजूद, अपने मृतक पति के पार्थिव शरीर को भी अस्पताल से माँगने की जद्दोजहद कर रही है।

विवेकानंद हॉस्पिटल में परिजनों का हंगामा मरीज को गलत दवा देकर मारने का लगा रहे आरोप

मसला क्या है?

हुआ ये है कि सीतापुर जिले के मिश्रिख थाना क्षेत्र स्थित बानपुर, मढिया का निवासी संदीप मिश्रा अचानक पेट में उठे दर्द की शिक़ायत लिए 21 जुलाई, 2022 को लखनऊ के प्रतिष्ठित अस्पताल में इलाज की उम्मीद से आया था। चेकअप वग़ैरह के बाद, डॉक्टरों ने बताया कि पेट में घाव है, और आश्वासन भी दिया कि दवा से जल्दी ठीक हो जाएगा।

मरीज़ संदीप के परिवारीजन से बात हुई तो पता ये चला कि आज यानी, 22 जुलाई, 2022 सुबह तक उसका इलाज चल रहा था और यहाँ तक कि सुबह संदीप ने अपने बॉस से फोन बात-चीत भी की।

…..और फिर अचानक सब कुछ बदल गया!!

मरीज़ संदीप के साथ उसके पारिवार के सदस्य ने बताया कि संदीप के साथ आयी उसकी पत्नी कोमल, जो कि पढ़ी-लिखी नहीं है, से अस्पताल की नर्सों ने जबरन एक काग़ज़ पर अँगूठा लगवाया। सवाल उठता है कि जबरन क्यों? मृतक संदीप के परिवारी जनों के अनुसार – “क्योँकि संदीप को स्वामी विवेकानंद अस्पताल के ज़िम्मेदार डॉक्टरों ने ग़लत दवा दे दी थी, जिसके कारण उसकी मौत हो चुकी है। यही नहींं, मौत के बाद, अस्पताल प्रशासन अगले 2 घंटे के लिए मृतक संदीप की डेडबॉडी ग़ायब कर कहाँ छुपाए बैठा रहा किसी को पता नहींं था।” 

अस्पताल में भारी पुलिस बल हुआ तैनात-

इस बीच मृतक के परिवारीजनों ने पुलिस को ख़बर कर दी थी और तुरंत ही स्वामी विवेकानंद अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हो गया। पत्रकारों की भी भीड़ लग गयी। दबाव बढ़ता देख कर अस्पताल प्रशासन ने काफ़ी देर बाद बताया कि मृतक संदीप की डेडबॉडी मॉर्च्यूरी (मुर्दाघर) में रखी हुई है। ख़बर लिखे जाने तक मृतक संदीप मिश्रा का पार्थिव शरीर उनकी पत्नी कोमल और उनके परिवारिजन को सौंपी नहींं गयी है।

स्वामी विवेकानंद अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

अस्पताल प्रशासन दे रहा था छुट्टी करने का आश्वासन-

परिवारीजनों के अनुसार, मृतक संदीप को डॉक्टरों ने इलाज के बाद आश्वासन दिया था कि इलाज के बाद, जल्दी ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। लेकिन, उसे क्या पता था कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल के डॉक्टर उसे अस्पताल से ही नहींं बल्कि इस दुनिया से ही छुट्टी दे देंगे।

इस वक़्त अस्पताल में हंगामा मचा हुआ है। फ़िलहाल, विवेकानंद अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासन न तो मृतक के परिवारीजनों और न ही पत्रकारों से कोई बातचीत नहीं कर रहे हैं। अगर उनसे बातचीत करने की कोशिश की भी जा रही है तो उनके सेक्यूरिटी गार्ड धक्के देकर बाहर निकाल रहे हैं। मृतक के परिवारीजन विवेकानंद अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों पर संदीप मिश्रा की हत्या करने का संगीन आरोप लगा रहे हैं। साथ ही, शासन और प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

कहीं मानव अंगों की तस्करी तो नहीं है वजह….?? 

इस गम्भीर मसले के बाद, अस्पताल में मौजूद लोगों के बीच सुगबुगाहट होने लगी है। लोगों का कहना है कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल में ग़लत दवा देने का मामला पहले भी हो चुका है। फर्क सिर्फ़ इतना है कि वो मामले कभी सामने नहीं आ सके। लोगों के बीच ये भी सुनने को मिला कि हो सकता है कि विवेकानंद अस्पताल में मानव अंगों की तस्करी की जाती हो। वरना, इतने क़ाबिल डॉक्टरों से इस तरह की ग़लती कैसे हो सकती है??

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