मॉस्को: रूस ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए जोर देकर कहा कि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट आने से यूक्रेन युद्ध का अंत करने में कोई मदद नहीं मिल सकती। ट्रंप ने स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक कार्यक्रम को ‘व्हाइट हाउस’ से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया था। अपने संबंधन में ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा था कि यूक्रेन में लगभग तीन साल से जारी युद्ध के लिए तेल निर्यातक देशों का गठबंधन ओपेक जिम्मेदार है क्योंकि इसने तेल की कीमतें बहुत अधिक रखी हैं। ट्रंप ने कहा था, ‘‘अगर कीमत कम हो गई तो रूस-यूक्रेन युद्ध तुरंत खत्म हो जाएगा।’’ ईंधन की बिक्री का रूस की कमाई में बड़ा योगदान है।
‘युद्ध तेल की कीमतों पर निर्भर नहीं करता’
ट्रंप की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जवाब दिया है। पेसकोव ने कहा कि यूक्रेनी संघर्ष रूसी सुरक्षा हितों को ध्यान में रखने से पश्चिम के इनकार के कारण शुरू हुआ। पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘युद्ध तेल की कीमतों पर निर्भर नहीं करता। रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरे, उन क्षेत्रों में रहने वाले रूसियों के लिए उत्पन्न खतरे और अमेरिकियों और यूरोपीय लोगों द्वारा रूस की सुरक्षा चिंताओं पर गौर करने से इनकार करने के कारण यह संघर्ष जारी है। इसका तेल की कीमतों से कोई लेना-देना नहीं है।’’
ट्रंप के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं पुतिन
दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने अमेरिकी समकक्ष ट्रंप के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। पेसकोव ने पुतिन के बयानों को दोहराया कि यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की योजना के परिणामस्वरूप रूस की सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरे को रोकने और वहां रहने वाले रूसी भाषी लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें फरवरी 2022 में यूक्रेन में सेना भेजनी पड़ी थी।
ट्रंप ने दी थी रूस को धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए समझौता नहीं होने पर रूस पर कठोर कर, सीमा शुल्क और प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी।
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