काला सागर के ऊपर मंगलवार को रूसी एसयू-27 लड़ाकू विमान अमेरिकी एमक्यू-9 रीपर ड्रोन से टकरा गया। अमेरिकी सेना के यूरोपीय कमान ने यह जानकारी दी। अमेरिकी वायु सेना के अधिकारी जनरल जेम्स हेकर ने बताया, ‘हमारा एमक्यू-9 विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में रेगुलर ऑपरेशन कर रहा था।
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इसी दौरान इसे एक रूसी विमान की ओर से रोका गया और मार गिराया गया। इसके चलते एमक्यू-9 क्रैश हो गया और पूरी तरह से नष्ट हो गया।’
अमेरिकी सेना के मुताबिक, 2 रूसी Su-27 जेट विमानों ने US के जासूसी ड्रोन की रेकी की। इसके कुछ समय बाद ही उनमें से एक ने सुबह 7:03 बजे उसे टक्कर मार दी। सेना ने कहा कि टक्कर से पहले रूसी लड़ाकू विमानों ने कई बार एमक्यू-9 पर फ्यूल फेंका। ऐसा उसके कैमरे के खराब करने या नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया गया।
नाटो के सुप्रीम एलाइड कमांडर यूरोप व अमेरिकी सेना के जनरल क्रिस्टोफर कैवोली ने नाटो सहयोगियों को इस घटना के बारे में जानकारी दी। व्हाइट हाउस और पेंटागन की ओर से इसकी घोर निंदा की गई और तनाव बढ़ाने वाला कदम बताया गया। हालांकि, मास्को की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और अमेरिका के बीच पहले से ही तनाव चल रहा है। मंगलवार को ही रूस की एक मिसाइल यूक्रेन में क्रामतोरस्क शहर के एक अपार्टमेंट में गिरी, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और 7 अन्य घायल हो गए। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया, जिसमें उस इमारत में छेद दिख रहे हैं, जहां मिसाइल गिरी है।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी अपने रूसी समकक्षों से इस मामले पर सीधे बात करेंगे। इस असुरक्षित और अनप्रोफेशनल एक्ट पर अपनी चिंता जाहिर की जाएगी।
वहीं, विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने विरोध दर्ज कराने के लिए रूसी राजदूत को तलब किया है। साथ ही रूस में अमेरिकी राजदूत लिन ट्रेसी ने मास्को में इसी तरह कदम उठाया है।