भले ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) अब कांग्रेस में नहीं है, लेकिन उनकी कभी कांग्रेस में वापसी होगी या नहीं इस बात की चर्चा देश की सियासत में जमकर हो रही हैं। कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने बड़ा बयान देते हुए यह बताया है कि सिंधिया की कांग्रेस में वापसी की गुंजाइश है या नहीं।
कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश ही नहीं देश के सियासी गलियारों में भी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, क्योंकि यह बयान तब दिया गया है, जब राहुल गांधी (rahul gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में है।
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दरअसल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या कभी #ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस में वापसी हो सकती है, जिस पर उन्होंने कहा कि ” ज्योतिरादित्य सिंधिया की अब कभी कांग्रेस में वापसी नहीं हो सकती है, उन्होंने सिंधिया को 24 कैरेट का गद्दार’ करार देते हुए कहा कि पार्टी में ऐसे नेताओं की वापसी की अब कोई गुंजाइश नहीं है। भले ही कांग्रेस छोड़ने वाले दूसरे नेताओं की वापसी हो जाए, लेकिन सिंधिया और हेमंता विस्वा सरमा की कांग्रेस में वापसी नहीं हो सकती। इन नेताओं को कांग्रेस में लौटने की अनुमति नहीं दी जा सकती है”
जयराम रमेश ने कहा कि ”कांग्रेस को कई नेताओं ने छोड़ा है, लेकिन बहुत से नेताओं ने गरिमापूर्ण स्थिति बनाए रखी, लेकिन जिन्होंने पार्टी छोड़ दी, अपशब्द कहे, ऐसे लोगों को कभी कांग्रेस में वापस नहीं लेना चाहिए, जो नेता गरिमापूर्ण तरीके से पार्टी से अलग हुए हैं, उनकी वापसी के बारे में सोचा जा सकता है। वहीं जब जयराम रमेश से पूछा गया कि अगर सिंधिया को #कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री या राज्यसभा सांसद बनाने की बात करती तो क्या वह पार्टी से अलग होते, इस पर उन्होंने कहा कि सिंधिया गद्दार हैं और उन्होंने पार्टी से गद्दारी की है। इसलिए उनकी अब कभी वापसी नहीं हो सकती।”
जयराम रमेश का यह बयान प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है, हालांकि उनके बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया बीजेपी ने सिंधिया को 24 कैरेट देशभक्त बताते हुए कहा कि सिंधिया असली देशभक्त है, इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। जयराम रमेश की टिप्पणियां बेहद असभ्य और पूरी तरह से अलोकतांत्रिक हैं।
बता दें कि वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था, सिंधिया के साथ उनके समर्थन में 22 कांग्रेस विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी, जिससे मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। बाद में सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए थे और प्रदेश में बीजेपी की सरकार वापस आ गई थी। सिंधिया समर्थक विधायकों को प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया गया था, जबकि सिंधिया को मोदी सरकार में नगर विमानन जैसे बड़े विभाग की जिम्मेदारी मिली थी।
वहीं वर्तमान में असम के मुख्यमंत्री हेमंता विस्वा सरमा ने भी 2015 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था, जहां 2016 में असम में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया था, जबकि 2021 के विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद उन्हें असम का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इन दोनों नेताओं गिनती कभी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती थी, लेकिन आज यह बीजेपी के बड़े चेहरे बन चुके हैं।