पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त की है, इसके साथ ही पाकिस्तान ने दुनिया से युद्ध प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करने का आग्रह किया.
पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद ने यह टिप्पणी अफगानिस्तान के लिए चीन और रूस के विशेष दूतों या प्रतिनिधियों क्रमश: यू शियाओयोंग और राजदूत जमीर काबुलोव के साथ एक बैठक के दौरान की.
बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए पैरवी कर चुका है. पाकिस्तान ने SAARC विदेश मंत्रियों की बैठक में तालीबान शासन का समर्थन किया था.
उनका कहना था कि अगर ऐसा नहीं होता है तो अफगानिस्तान में गृह युद्ध की स्थिति बन सकती है और देश आतंकवादियों के लिए एक ”आदर्श जगह” बन सकता है. इमरान खान ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं को शिक्षा लेने से रोकना गैर इस्लामिक होगा.