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एलयू में प.दीनदयाल उपध्याय की पुण्य तिथि पर सेवा कार्य

लखनऊ। पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ समाज कार्य विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि समर्पण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में प्रथम कार्यक्रम का प्रारंभ पोषण आहार किट का वितरण करके किया गया। इस कार्यक्रम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ द्वारा गोद लिए गए बच्चों को माननीय कुलपति आलोक कुमार राय द्वारा पोषण आहार किट का वितरण किया गया। इसके साथ ही कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने इन बच्चों की शिक्षा व मार्गदर्शन की जिम्मेदारी दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ द्वारा उठाए जाने के निर्देश भी दिए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के निदेशक प्रोफेसर अनूप कुमार भारतीय ने कुलपति का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के संचालन में डॉ.ओमेंद्र कुमार यादव एवं डॉ.गरिमा सिंह ने अपना सहयोग प्रदान किया।

इसके अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के तौर पर मनाया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के तौर पर मनाया गया। यह आयोजन कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के संरक्षण में किया गया।

संचालन कंचन जोशी ने किया। शोधपीठ के निदेशक प्रो अनूप कूमार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एक संक्षिप्त परिचय देते हुए पंडित दीनदयाल शोधपीठ के गठन का उद्देश्य बताया एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व और उनके चिंतन पर विचार विमर्श किया इस कार्यक्रम के को शुरुवात शोधपीठ द्वारा सुबह ही कर दी गई थी। जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ द्वारा गोद लिए गए बच्चों को कुलपति महोदय द्वारा पोषण आहार किट वितरित की गई। केजीएमयू के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकांत ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए देश के प्रति समर्पण एवं योगदान की भावना का मुख्य उल्लेख किया। जिसमें अंत्योदय पर उनकी सोच का विशेष महत्व बताया।

पंडित के अनुसार अंत्योदय का अर्थ “अंत में हर व्यक्ति का उदय ही अंत्योदय का सिद्धांत है इसके पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रपति सम्मान एवं साहित्य अकैडमी पुरस्कार से पुरस्कृत प्रोफेसर ओमप्रकाश पांडे ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी से सम्बंधित अपने विचार प्रस्तुत किए जिसमें मुख्य रूप से जनसंघ की एवं समाज कल्याण के लिए किए गए विभिन्न कार्यों का वर्णन किया गया,पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के द्वारा उनकी चेतना पर विशेष विचार विमर्श किए एवम साथ ही यह बताया कि एक राष्ट्र की प्रकृति कैसी हो सकती है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी चित चेतना को लेकर क्या सोचते थे जिसका अर्थ है की राष्ट्र की चेतना के अनुसार ही कोई राष्ट्र चलना चाहिए। कार्यक्रम का समापन करते हुए डॉ ओमेंद्र कुमार यादव ने कार्यक्रम के संरक्षक कार्यक्रम कुलपति प्रो आलोक कुमार राय,पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के निदेशक प्रो अनूप कूमार भारतीय,केजीएमयू के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकांत जी ,साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत प्रोफेसर ओमप्रकाश पांडे एवं सभी शोध स्कॉलर एवम सभी विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

समाज कार्य विभाग द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के तौर पर मनाया गया।

लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के तौर पर उम्मीद संस्थान के साथ मिलकर मनाया गया रैन बसेरा जियामऊ में इस कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो.  आलोक कुमार राय के संरक्षण में जिसका संचालन करते हुए अंजली ने सर्वप्रथम माल्यार्पण के लिए किया पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के निदेशक प्रो अनूप कूमार भारतीय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का एक संक्षिप्त परिचय देते हुए पंडित दीनदयाल शोधपीठ के गठन का उद्देश्य बताया एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व और उनके चिंतन पर विचार विमर्श किया। उसके पश्चात उम्मीद संस्थान के अध्यक्ष बलवीर मान सिंह ने देशभक्ति एवम देशप्रेम और देशवासियों के प्रति सम्मान भावना को जागरूक करने हेतु प्रेरित किया। इसके पश्चात प्रो राकेश द्विवेदी कुलानुशाशक लवि ने समाजकार्य के कार्यों पर प्रकाश डाला साथ ही शोधार्थी विश्वदीप ने मतदान के महत्त्व पर लोगों को जागरूक किया जिसमें उम्मीद संस्थान द्वारा लिखित मतदान जागरूकता कार्यक्रम के लिए बनाया गया गाना भी सुनाया गया।

कोविड को मद्देनजर रखते हुए शिशिर चंद्र राय ने कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम में उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता प्रमिल द्विवेदी जी ने सेवा को अध्यात्म के द्वारा कैसे और अधिक सुंदर बनाया जा सकता है ये बताया गया। साथ ही पूर्वविभागाध्यक्ष प्रो. राजकुमार सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी द्वारा अंत्योदय के महत्व को बताया। कार्यक्रम का समापन करते हुए डॉ. गरिमा सिंह ने कार्यक्रम के संरक्षक कार्यक्रम कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय,पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के निदेशक प्रो. अनूप कूमार, प्रो राजकुमार सर, प्रो रूपेश कुमार, बलबीर सिंह मान, डॉ. रजनीश यादव, डॉ. ओमेंद्र यादव, प्रमिल द्विवेदी एवं सभी शोध स्कॉलर एव सभी उपस्थित विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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