लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में डॉ नीरज शुक्ल (कुलानुशासक) के समन्वयन में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तत्वधान में “उद्यमिता एवं नवाचार: युवाओं के लिए उभरता कैरियर अवसर” सात दिवसीय कार्यशला का आज समापन हुआ।
सातवे दिन के कार्यक्रम में पहले तकनीकी सत्र के प्रथम वक्ता रिज़वान अहमद खान, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने अपने वक्तव्य में बताया कि वर्तमान समय सूचना प्रौद्योगिकी का है जिसमे हमें दिन प्रतिदिन होने वाले साइबर अपराधों से बचने की आवश्यकता है। पहले तकनीकी सत्र के दूसरे वक्ता, डॉ आशीष आर्या (सहा आचार्य, भाषा विवि) ने अपने वक्तव्य में एमएसएमई और उधमिता के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि उधमिता इको सिस्टम के लिए पांच सी जैसे कैपिटल, केबेबिलिटी, कनेक्शन, कल्चर, क्लाइमेट इन सब गुणों का होना आवश्यक है। समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो मिर्ज़ा एस सय्येद (आईआईएम अहमदाबाद) रहे। इन्होंने कार्यशाला से जुड़े लोगों के बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाए दी और कहा कि वर्तमान समय उद्यम का है जिसकी मदद से किसी विकासशील देश को विकसित बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ नीरज शुक्ल ने बताया कि यह कार्यशाला बहुत ही सफल रही। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों के संस्थानों से शिक्षकों तथा छात्रों ने प्रतिभाग किया और कार्यशाला में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन जुड़े 650 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रत्येक सत्र में अपनी शंकाओं का समाधान भी प्राप्त किया।
👉लखनऊ विश्वविद्यालय और सीएसबी के बीच हुआ समझौता, व्यावसायिक शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
समापन सत्र में प्रो एनबी सिंह, कुलपति भाषा विश्वविद्यालय, प्रो एहतेशाम अहमद ( डीन & हेड वाणिज्य विभाग) डॉ ज़ैबून निसा (सहा आचार्य) एवं डॉ नीरज शुक्ल मंचासीन रहे और कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के सहसमन्वयक प्रो एहतेशाम अहमद ने दिया तथा मंच का संचालन डॉ जैबुन निसा, सहायक आचार्य, वाणिज्य विभाग ने किया। कार्यक्रम में डॉ मनीष कुमार, डॉ नलिनी मिश्रा, आफ़रीन फातिमा समेत विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।