गुजरात के पुर्व सीएम शंकरसिंह वाघेला ने भी किसान आंदोलन के समर्थन का ऐलान कर दिया है. वाघेला ने मांग की है कि 25 दिसंबर से पहले किसानों की समस्या का समाधान कर दिया जाए. उनका कहना है कि यदि 25 दिसंबर अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस से पहले किसानों की समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वह खुद अनशन पर बैठेंगे.
यही नहीं वाघेला ने कहा कि उनका अनशन अनिश्चितकालीन होगा और राजघाट पर होगा. इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए किसानों को दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार मुआवजा प्रदान करे.
बता दें कि कृषि कानून के विरोध में आंदोल कर रहे किसानों के समर्थन में पहले ही कई सियासी दलों ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है. वहीं, समाजवादी पार्टी 23 दिसंबर से किसानों के समर्थन में यात्रा निकालने वाली है. सपा की छोटी बड़ी इकाइयां यात्रा कर किसानों को नए कृषि कानून की खामियां गिनाएगी. इसके साथ ही सपा गांव के लोगों को किसान आंदोलन से जोड़ेगी.
शनिवार को अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोला था. उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि, ”अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा की रैली करने के लिए कोरोना नहीं है, तो संसद सत्र चलाने के लिए दिल्ली में क्यों है. संसद में किसानों के पक्ष में जन प्रतिनिधियों के आक्रोश से बचने के लिए भाजपा सरकार कोरोना का बहाना बना रही है. भाजपा संसदीय-सांविधानिक परंपराओं का क़त्लेआम कर रही है.”