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सोशल मीडिया से प्रभावित होकर सैफुल्लाह बना आतंकी: दलजीत चौधरी

लखनऊ. एण्टी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) द्वारा मंगलवार को राजधानी के ठाकुरगंज में आंतकी सैफुल्लाह को मार गिराने के बाद बुधवार को एडीजी लाॅ एण्ड आर्डर दलजीत चैधरी ने बताया कि उसे सरेंडर करने को कई बार कहा गया,लेकिन उसने मना किया और कमाण्डो पर फायरिंग की,जवाबी फायरिंग में वह मारा गया।

बुधवार को एडीजी ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि मध्य प्रदेश में उज्जैन पैसेंजर में हुए बम विस्फोट के बाद एजेंसी से मिली जानकारी पर उत्तर प्रदेश में एटीएस ने छापेमारी शुरु की। आंतकी गतिविधियों में शामिल होने के शक पर इटावा जिले से फखरे आलम उसके बड़े भाई फैज आलम को दबोचा गया। उनके घर से अहम दस्तावेज व लैपटाॅप बरामद किया गया है और जरुरी पूछताछ चल रही है। इसके साथ ही कानपुर से दो आंतकवादी और उन्नाव से एक संदिग्ध आंतकी को एटीएस ने हिरासत में लिया है। सटीक सूचना पर एटीएस की एक टीम लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में पहुंची और मलिहाबाद निवासी बादशाह खान के मकान को घेराबन्दी कर घर में छिपे आंतकी को सरेंडर करने के लिए कहा। लेकिन अन्दर से उन पर कई राउण्ड फायरिंग शुरू हो गयी। इसके बाद एटीएस ने भी जवाबी फायरिंग और ऑपरेशन को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। इसके तहत जब कमाण्डों ने मकान में दाखिल होने की कोशिश की तो सैफुल्लाह ने खुद को एक कमरे में बन्द कर लिया और फायरिंग शुरू कर दी। एटीएस कमाण्डों ने उसे जिंदा पकड़ने के लिए मकान में आंसू गैस के गोले दागे। बाद में मिर्ची बम का इस्तेमाल किया। इस पर भी सफलता नहीं मिलने पर आधा दर्जन लोगों को बुलाकर हैमर और ड्रिल मशीन से मकान की छत और दीवार में चार-चार इंच के सुराख किए गए। इसके बाद नाइट विजन कैमरों के जरिए अन्दर की जानकारी जुटाई गई। इसके बाद अंत में इस पूरे ऑपरेशन को उसके अंजाम तक पहुंचाया गया। सफल आॅपरेशन के बाद कमरे से बरामद चीजों को टीम ने अपने कब्जे में लिया। जिसमें इण्डियन रेलवे का मैप, आईएसआई का झंडा, आठ पिस्टल, 650 जिंदा कारतूस, नये नोट , 50 ग्राम सोना, लैपटाप, पासपोर्ट समेत विभिन्न कंपनियों के मोबाइल, चार सिम व ऊर्दू, हिन्दी की साहित्य की किताबें बरामद हुई है। एडीजी ने बताया कि आंतकी सैफुल्लाह स्वप्रेरित था। उसका आईएसआईएस आंतकी संगठन से जुड़े होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला हैं। वह सोशल मीडिया के जरिए आंतकियों से प्रभावित हुआ था। वह और उसके साथी खुद आईएसआईएस खुरासान के नाम से पहचान बनाना चाहते थे। यह लोग छोटे-छोटे धमाके करने के फिराक में थे और इंटरनेट से बम बनाना सीखते थे।

बताया जा रहा है कि कानपुर और इटावा से गिरफ्तार युवकों के पास से जो लैपटाॅप बरामद हुआ है उससे कई महवपूर्ण सूराग मिले हैं। इस गिरोह का मुख्य सरगना आतिफ है। सैफुल्लाह ने बाराबंकी में भी मददगारों से कई लड़कों को बरगला कर इस गिरोह में शामिल करने की कोशिश की थी। देवा शरीफ में भी हमले की साजिश रची गई थी। श्री चौधरी ने बताया हमारी टीम पकड़े गए युवकों से पूछताछ कर रही है तथा सैफुल्लाह के फरार दो साथियों को पकड़ने के लिए एटीएस लगी है। हम इनके खिलाफ नई रणनीति बनाकर गिरफ्तारी का प्रयास कर रहे है। जिसमे जल्द ही कामयाबी मिलने की संभावना है

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