रायबरेली। सीएचसी मे तीन दिन पहले Staff Nurse और चिकित्सक के बीच हुआ विवाद प्रसव पर रुपये लेने को लेकर हुआ था। इस बात का खुलासा शनिवार को दो सहायक मुख्य चिकित्साधिकारियों की जांच मे हुआ है। हालांकि मामले मे सुलह समझौता करा दिया गया है।
Staff Nurse द्वारा हर प्रसव पर रुपये लेने को लेकर हुआ था विवाद
ज्ञात हो कि तीन दिन पहले सीएचसी मे संविदा Staff Nurse संगीता और महिला चिकित्सक डा ममता सिंह के बीच विवाद हुआ था। जिसको लेकर मामला जिला मुख्यालय तक पहुँच गया था। उसके बाद सी एम ओ ने मामले की जांच व निपटारे के लिए सहायक मुख्य चिकित्साधिकारियों डा एम नारायणन और डा कृष्णा सोनकर तथा स्वास्थ शिक्षा अधिकारी अनिल पाण्डेय की तीन सदस्यीय समिति गठित की।
शनिवार को जब टीम ऊंचाहार सीएचसी पहुंची और मामले की छानबीन की तो पता चला कि स्टाफ नर्स अपनी ड्यूटी के दौरान हुए प्रसव के प्रपत्रों पर इसलिए हस्ताक्षर नहीं कर रही थी, क्योकि वह हर प्रसूता से प्रसव के लिए 500 रुपये मांग रही थी। जब चिकित्सक ने उसको ऐसा करने से माना किया तो वह विवाद करने लगी।
जांच टीम के सामने जब पूरे मामले की पोल खुली तो विवाद मे सुलह समझौता का रास्ता तलाशा जाने लगा। जबकि मामले मे अधिकारियों को शिकायत स्टाफ नर्स ने ही किया था। स्टाफ नर्स के बारे मे कई आशा बहुओ ने भी पूर्व मे शिकायत की थी।
अस्पताल के एक चिकित्सक की भूमिका चर्चा का विषय
इस मामले मे शुरू से ही जिला अस्पताल के एक चिकित्सक की बड़ी भूमिका भी चर्चा का विषय बनी हुई है। बताते है कि यह चिकित्सक स्टाफ नर्स के पक्ष में उसी दिन से ऊंचाहार आकर लगातार दबाव बना रहा था , यही नहीं उसने एक सपा के नेता से भी फोन करवाया था। फिलहाल मामला सुलह के साथ खत्म हो गया है। लेकिन सरकारी अस्पतालो मे मरीजो के साथ मची लूट की हकीकत सार्वजनिक हो गयी है।
जांच टीम के सामने क्षेत्र के हजारीबाग गाँव की प्रसूता निशा पत्नी उमेश आयी। उसने बताया कि शुक्रवार की रात उसको प्रसव हुआ है। जिस 108 एंबुलेंस से उसको लाया गया है, उसके चालक ने उससे 50 रुपये ले लिए है और बंदना योजना के लिए उससे 500 रुपये मांगे जा रहे है।प्रसूता की इस शिकायत पर अधिकारियों ने दोषियों पर जमकर फटकार लगाई है।