टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने भले ही अपने टेस्ट करियर का आगाज साल 2005 के आखिरी महीने में किया हो, लेकिन तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली, एमएस धोनी को साल 2004 में ही पाकिस्तान दौरे पर लेकर जाना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
यह खुलासा करते हुए पूर्व कोच जॉन राइट ने बतया कि तीन टेस्ट मैचों की इस सीरीज के लिए पार्थिव पटेल को टीम में चुना गया था। और यह पिछले 15 साल में दोनों देशों के बीच खेली गई पहली सीरीज थी। इससे पहले भारत ने साल 1989 में पाकिस्तान का दौरा किया था। इस दौरे में राहुल द्रविड़ ने वनडे में कीपिंग की थी।
जॉन राइट ने कहा कि धोनी का साल 2004 में पाकिस्तान दौरे के लिए करीब-करीब चयन हो गया था। सौरव गांगुली उन्हें टीम में लेने के लिए उत्सुक भी थे। लेकिन हमने एक सफल टेस्ट टीम चुनी और एमएस जगह बनाने से चूक गए। भारत ने इस दौरे में टेस्ट सीरीज 2-1 और वनडे सीरीज 5-2 से जीती थी।
जॉन राइट ने कहा कि वास्तव में यही वह समय था जब सौरव तब धोनी के बारे में बहुत ही अच्छी बातें कहा किया करते थे और उन्होंने टीम में आने वाले युवा खिलाड़ियों का हमेशा समर्थन किया और उन्हें प्रोत्साहित किया। राइट ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि अगर एमएस पाकिस्तान दौरे पर जाते हैं, तो बातें उनके अनुकूल होतीं या नहीं। बहरहाल, यही वह समय था, जब मैंने पहली बार एमएस धोनी के बारे में सुना था। बहरहाल, एमएस ने 2004 दिसंबर में चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में करियर का आगाज किया. तब उनकी उम्र 23 साल 169 दिन थी। और इसके एक साल बाद एमएस ने चेन्नई में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट करिर का आगाज किया, तब एमएस की उम्र 24 साल 148 दिन थी।
राइट ने कहा, धोनी हमेशा ही खेल को एक और आगे पढ़ते हुए दिखाई पड़े। यह रणनीतिक कप्तानी के लिहाज से एक अच्छा संकेत था। वास्तव में एमएस भारत के सबसे महान या आधुनिक दौरे के एक या दो सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक हैं। वह भारत के लिए बहुत ही शानदार रहे हैं और उनका रिकॉर्ड खुद-ब-खुद बोलता है। जॉन ने कहा कि एमएस केवल एक शानदार नैसर्गिक क्रिकेटर ही नहीं थे, बल्कि वह बहुत ही बुद्धिमान भी थे। वह बहुत ही अच्छे श्रोता थे, जो मेरे अंडर में खेली अपनी पहली सीरीज में ज्यादा बोलते नहीं थे। लेकिन वह हर समय खेल को बारीकी से परखते थे और सीखते थे।