• उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों को पुनः उपचार पर लाया जाएगा : सीएमओ
• 15 मई से पूर्व ग्राम स्तर पर होंगे जागरूकता कार्यक्रम
• तीन बैच में 120 सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण
औरैया। टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों को पुनः उपचार पर लाया जाएगा। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के कर्मचारी ऐसे रोगियों की सूची तैयार कर संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को उपलब्ध कराएंगे। 15 मई से सीएचओ के माध्यम से विशेष क्षय रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। तीन दिवसीय प्रशिक्षण के अंतिम दिन शुक्रवार को कुल 120 सीएचओ को केंद्र में जिला क्षयरोग अधिकारी की अध्यक्षता में प्रशिक्षण दिया गया।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ संत कुमार ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कहा- विशेष अभियान के दौरान आशा- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से अधिक से अधिक टीबी रोगी खोजकर उनका तत्काल उपचार शुरू करना है, इसके साथ ही उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों की टीबी चैंपियन की मदद से काउंसलिंग कर उन्हें पुनः उपचार पर लाना है।
डिप्टी जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ एपी सिंह ने कहा – टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए समाज के हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। उन्होंने बताया की हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष अभियान की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। अभियान के लिए सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया है।
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जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक अजय पाण्डेय ने कहा की अभियान के प्रति ग्राम स्तर तक संवेदीकरण के लिए ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में विलेज हेल्थ सेनीटेशन एंड न्यूट्रीशियन कमेटी) की बैठकें की जाएंगी। हर एचडब्ल्यूसी के क्षेत्र में उच्च प्राथमिकता (दूरस्थ, घनी आबादी और मलिन बस्ती) वाले क्षेत्रों का चयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया की सभी एचडब्ल्यूसी से जोड़े गए दो-दो टीबी चैंपियन ( महिला-पुरुष) की सूची संबंधित सीएचओ को उपलब्ध करायी जाएगी।
इसके साथ ही ग्राम स्तर पर हेल्थ कैंप की सूची तैयार कर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से सीएचओ को भेजी जाएगी। सूची में समय, दिनांक और स्थान का उल्लेख होगा। अभियान से पूर्व सभी एचडब्ल्यूसी पर शुगर और एचआईवी जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही जागरूकता बढ़ाते हुए ग्रामीणों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए प्रेरित किया जाएगा।
जिला पीपीएम समन्वयक रविभान सिंह ने बलगम के नमूने की पैकिंग की जानकारी दी। साथ ही कहा की जिला स्तर पर अभियान का पर्यवेक्षण खुद सीएमओ, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) और जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) करेंगे। ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) और ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) अभियान का पर्यवेक्षण करेंगे। शासन स्तर से अभियान की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर