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खोज लिया गया है यह सदाबहार बैगन जिस का स्वाद रहेगा दमदार

बिहार में बैगन की खेती अब सालो भर होगी. स्वाद तो नहीं बदलेगा साथ में उत्पादन भी दूना ज्यादा होगा. बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बैंगन की ऐसी नयी किस्म इजाद कर ली है. जाड़े के साथ अब इसकी खेती गर्मी में भी होगी. आश्चर्य यह है कि 42 डिग्री तापामन तक इसके पौधों में फल लगेंगे. नयी किस्म का नाम भी रखा गया है ‘सदाबहार’.

वैज्ञानिकों की यह नयी खोज सब्जी उत्पादन में बिहार को देश में अव्वल बनाने के सरकारी कोशिश में सहायक होगी. वर्तमान में बिहार सब्जी उत्पादन में देश में तीसरे नम्बर पर है.

देश की कुल खपत का लगभग नौ फीसदी सब्जी का उत्पादन बिहार में होता है. वैज्ञानिकों की नयी शोध वाला बैंगन का रंग हरा है. इसके फल हरे रंग की धारियों वाले होते हैं.

एक बैंगन का औसत वजन 85-88 ग्राम है. इसके एक पौधे में 23-26 फल लगते हैं. कुल उत्पादन के मुद्दे में यह वर्तमान में प्रचलित किस्मों से बहुत ज्यादा अधिक होगा. गर्मी के मौसम में इसका उत्पादन तो थोड़ा कम यानि 270 क्विटल प्रति हेक्टेयर होगा. बावजूद यह वर्तमान की उत्पादकता 197 क्विंटलल प्रति हेक्टेयर से अधिक होगी. लेकिन जाड़े के मौसम में उसकी उत्पादकता दूना से भी अधिक यानि 440-480 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी.

वैज्ञानिकों ने बताया कि नयी किस्म के पौधे क्षेत्र की हर हालात को सहने में सक्षम हैं. साथ ही बैगन की सबसे खास बीमारी  फल एवं तना छेदक के प्रति सहिष्णु है. इस किस्म मे बीज बहुत कम है. इसका स्वाद पहले से भी बेहतर है. साथ ही उत्कृष्ट गुणवत्ता वाला है.

वैज्ञानिक ने बताया कि इस किस्म की कुल घुलनशील ठोस पदार्थ 2.30 डिग्र्री ब्रिक्स है. चीनी की मात्रा बहुत कम लगभग 2.56 फीसदी ही है. साथ ही यह एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है, जिससे शरीर को अतिक्ति बिटामिन मिलेगा.

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