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कुम्भ पर अध्ययन व शोध

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोविन्द वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान तथा उप्र प्रयागराज मेला प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में स्थापित कुम्भ अध्ययन केन्द्र का आनलाइन उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि कुम्भ जैसे महत्वपूर्ण आयोजन के लिए अभी तक देश में कोई शोध केन्द्र नहीं था। यह केन्द्र कुम्भ मेले से सम्बद्ध शोध, अभिलेखीकरण एवं ज्ञान विमर्श पर आधारित होगा।

संस्थान की उच्च स्तरीय फैकल्टी एवं उनका शोध अनुभव जनसामान्य को कुम्भ की परम्पराओं व विरासत को समझने की एक नई दृष्टि देगा। यह केन्द्र व राज्य सरकार के नीति नियोजकों के लिए एक डाटाबेस का कार्य करेगा। जिससे कुम्भ मेले में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर संयोजन होगा। यह केन्द्र प्रयागराज के कुम्भ क्षेत्र और इसके आस-पास के क्षेत्र में स्थित अन्य धर्मिक स्थलों के डाक्यूमेंटेशन का कार्य भी करेगा। इससे देश और विदेश से आने वाले पर्यटक प्रयागराज के सांस्कृतिक स्वरूप को और बेहतर तरीके से जान सकेंगे।

वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रयागराज प्राचीन काल से ही देश का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र रहा है। यहां गंगा,यमुना और सरस्वती नदियों का संगम है। यह आस्था और तपस्या स्थल है। उ कुम्भ मेला पूरी दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है। इसका मूल स्रोत वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से जुड़ा है, जो पूरे विश्व के लिये प्रेरणादायी है।

यह प्रयास होना चाहिए कि कुम्भ अध्ययन केन्द्र सामाजिक एवं अध्यामिकता का केन्द्र बन सके। हम सब मिलकर भारत को शोध एवं शिक्षा के क्षेत्र में पूरी दुनिया में शीर्ष पर ले जा सकें। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए सामाजिक शोधों की बहुत जरूरत है। स्थानीय ज्ञान एवं उत्पादों पर शोध एवं भारतीय समाज में संचित जन ज्ञानकोषों को हमें अपने शोधों से तलाशाना होगा।

अतुल्य गंगा

आनंदीबेन पटेल ने राजभवन से अतुल्य गंगा परियोजना के अन्तर्गत प्रयागराज से प्रारम्भ इक्यावन सौ किलोमीटर पैदल परिक्रमा का आनलाइन शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि गंगा नदी हमारे देश व हमारी संस्कृति की पहचान व अमूल्य धरोहर है। जीवन दायिनी गंगा भारत की संस्कृति,आध्यात्मिक चिन्तन,जलवायु और अर्थव्यवस्था सभी पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है। उन्होंने कहा कि गंगा के दोनों तटों पर वृक्षारोपण करती हुई गांवों और शहरों से गुजरने वाली भारत की सबसे लम्बी पदयात्रा से देश में गंगा सहित सभी नदियों के लिए व पर्यावरण संरक्षण के लिए एक नई ऊर्जा का संचार होगा।

इस गंगा यात्रा से गंगा संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता व सहभागित भी बढ़ेगी। गंगा एक प्राकृतिक संसाधन के रूप में देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। नदियां पर्यावरण और प्राकृतिक जैव विविधिता की संरक्षक हैं। गंगा नदी अपने आसपास के क्षेत्र में मानव समाज ओर अन्य जीवों के साथ हमारों प्रजातियों के जलीय जीव जन्तुओं का भी पोषण करती है।

बल्लभभाई पटेल का स्मरण

आनंदीबेन पटेल ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर राजभवन स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन उद्यान में उत्पादित सब्जियों को दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों एवं श्रमिकों को वितरित किया।

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

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