सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहन वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुये, इन वाहनों के रजिस्ट्रेशन की समयसीमा बढ़ा दी है. बीएस-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च की समयसीमा से पहले जिन लोगो ने अपनी गाडिय़ों को रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए थे, उन तमाम लोगों को अपनी गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति दी. लेकिन इनमें कुछ शर्तें भी तय की गई है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी. इसी के बीच में 22 मार्च को जनता कफ्र्यू था, जबकि 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो गया. इधर डीलरों के पास बड़ी संख्या में बीएस-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाडय़िां बिक्री के लिए बची थीं. इसलिए डीलर बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को 10 प्रतिशत बीएस-4 वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी.
एसोसिएशन की मांग और मौजूदा बीएस-4 स्टॉक को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पहला बदलाव करते हुए कहा था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद डीलर्स के पास 10 दिनों का समय होगा ताकि वो अपने बीएस-4 स्टॉक को क्लीयर कर सकें. लेकिन वाहनों की बिक्री कुल स्टॉक की महज 10 प्रतिशत ही होनी चाहिएं. इसके अलावा यह नियम दिल्ली एनसीआर में लागू नहीं होगा.
कोर्ट द्वारा आदेश मिलने के बाद देश में धडल्ले से बीएस-4 वाहनों की बिक्री हुई है, अब सुप्रीम कोर्ट ने डीलर संघ को निर्देश दिया है कि वह मार्च के आखिरी सप्ताह में ऑनलाइन या प्रत्यक्ष तरीके से बेचे गए वाहनों का ब्योरा पेश करे. पीठ ने कहा है कि वो लॉकडाउन के दौरान बेचे गए बीएस-4 वाहनों के पंजीकरण की जांच करना चाहती है.