सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभी सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है, इसलिए इसके तुरंत ट्रांसफर की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि हाथरस के पीडि़त परिवार की सुरक्षा के साथ ही गवाहों की सुरक्षा से लेकर अन्य तमाम पहलुओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट देखेगी. उत्तर प्रदेश से इस केस को ट्रांसफर करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका फैसला बाद में होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस केस की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट को सौंपी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा पीडि़त और गवाहों की सुरक्षा तथा केस की मेरिट से जुड़े हर पहलू को हाईकोर्ट देखेगा. केस दिल्ली स्थानांतरित करने पर कहा कि अभी सीबीआई जांच कर रही है जांच पूरी होने के बाद इस पर विचार होगा.
चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इन सभी याचिकाओं में दलील दी गई थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच में कई बार बाधा डाली गई है. इस मामले की याचिकाओं में दलील दी गई थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है.
इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले जांच पूरी हो जाए फिर यह तय किया जाएगा कि केस ट्रांसफर होगा या नहीं. हाथरस के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. 29 सितंबर को इलाज के दौरान दिल्ली में उसकी मौत हो गई थी.