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बायजू के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही रोकने का एनसीएलएटी का फैसला खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा

सुप्रीम कोर्ट ने एड-टेक कंपनी बायजू के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही बंद करने के राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले को खारिज कर दिया है। न्यायाधिकरण ने बायजू और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच करीब 158 करोड़ रुपये के समझौते को भी स्वीकार कर लिया था, अदालत ने उस फैसले को भी पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 158 करोड़ रुपये की राशि लेनदारों की समिति के एस्क्रो खाते में जमा की जाएगी और इसे लेनदारों की ओर से नियंत्रित किया जाएगा।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ अमेरिकी कंपनी ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी की याचिका पर अपना फैसला सुनाया।न्यायालय ने कहा कि एनसीएलएटी ने शिक्षा क्षेत्र की प्रौद्योगिकी कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही बंद करते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया और मामले में नए सिरे से निर्णय लेने का आदेश दिया।

एनसीएलएटी ने दो अगस्त को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी देने के बाद बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया था। यह फैसला बायजू के लिए बड़ी राहत लेकर आया, क्योंकि इसने प्रभावी रूप से इसके संस्थापक बायजू रवींद्रन को फिर से कंपनी का नियंत्रण दे दिया था।

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