मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए एम खानविलकर और न्यायाधीश धनन्जय वाई चन्द्रचूड़़ की खंडपीठ में आज गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसाओं पर लगाम लगाने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिसमें Supreme court खंडपीठ ने कहा की किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है। गोरक्षा के नाम पर की जा रही घटनाएं भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा ही है।
Supreme court : हिंसा रोकने के कठोर कदम उठायें
सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर कहा की हर राज्य को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। अभी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुरक्षित रखा है। बता दें कि सु्प्रीम कोर्ट ने बीते साल छह सितंबर को इस दिशा में सभी राज्यों से कहा था कि हिंसा की रोकथाम के लिए कठोर कदम उठाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के लिये दायर याचिका पर इन राज्यों से जवाब मांगा।
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इस मामले में याचिका महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की आेर से दायर की गर्इ थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि इन तीन राज्यों ने बीते छह सितंबर को सु्प्रीम कोर्ट के दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया है।