लखनऊ। सूर्या कमान ने 16 दिसंबर को सूर्या कमान युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर युद्ध के जाबांज सैनिकों को श्रद्धांजली अर्पित कर विजय दिवस मनाया।
इस अवसर पर सूर्या कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ़ लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने 1971 के युद्ध के वीर शहीदों को सूर्या कमान के युद्ध स्मारक स्मृतिका पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस समारोह में 1971 युद्ध के पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और सूर्या कमान के सेवारत सभी रैंकों ने भी भाग लिया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
समारोह के बाद, लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होंने पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया और सभी उपस्थित सैनिकों को भारतीय सशस्त्र बलों के गौरवशाली गुणों और परंपराओं को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। दिसंबर 1971 में, एक तेज सैन्य आक्रमण में, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान पर एक निर्णायक और शानदार जीत हासिल की थी।
3 दिसंबर 1971 को शुरू हुए युद्ध में भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से काम लिया और परिणामस्वरूप एक नए राष्ट्र – बांग्लादेश का निर्माण हुआ। 16 दिसंबर 1971 को ढाका में लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाज़ी और लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के बीच आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा वार्षिक स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह की समापन की यादगार में भी यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।