मेरठ बाईपास पर स्थित बिग बाईट रिजॉर्ट के देवरथ सभागार में विद्या प्रकाशन मंदिर के चेयरमैन सुरेंद्र कुमार जैन की पुस्तक ‘नरेंद्र के नाम सुरेंद्र की पाती’ का विमोचन हुआ। विमोचन कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा वंदे मातरम प्रस्तुति से हुई। इस दौरान परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इनके अलावा कण्वाश्रम कोटद्वार, उत्तराखण्ड के संस्थापक स्वामी जयंत सरस्वती, लोकसभा सांसद माननीय राजेन्द्र अग्रवाल, एनसीआरटी नई दिल्ली के पूर्व चेयरमैन पद्मश्री प्रोफेसर जे० एस० राजपूत और डॉ० जय शंकर आत्रेय भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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कार्यक्रम में पद्मश्री गायक कैलाश खेर ने अपनी जोशीली आवाज से कार्यक्रम में समा बांध दिया। मंच का संचालन चर्चित कवियुग्म दंपती अनामिका अंबर व सौरभ सुमन के साथ सीटीओ डॉ रोहित खोखर ने किया। समाजसेवी सुरेन्द्र कुमार जैन की पुस्तक “नरेन्द्र के नाम सुरेन्द्र की पाती” 11 पातियों में सम्पादित हुई है। जिसमें लेखक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाया हैं। पुस्तक की पहली पाती का शीर्षक है आवो,आवो गुजरात तो वहीं दूसरी पाती मेरे मन की बात पर आधारित है।
भारत की अंतरात्मा में बसी है भारतीयता
भारत की अंतरात्मा में बसी है भारतीयता, अध्यात्मवाद से पोषित सर्वोच्च विज्ञान एवं तकनीक की शिक्षा और अन्नदाताओं के खातिर प्रधानमंत्री की अंतदृष्टि, पुस्तक की तीसरी, चौथी और पांचवी पाती है। बाकी के 6 पातियों के शीर्षक हैं अर्थशक्ति के विकेन्द्रीकरण से ही सम्भव है आत्मनिर्भर भारत, मोदी है तो मुमकिन है, विश्वजयी भारतवर्ष, सुविचार से प्रेरित नीतियां लायेंगी रामराज्य, नये भारत के शिल्पी को अर्पित एक अद्भुत स्वप्न और यतो नरेन्द्रः ततो जय।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा- “यह पुस्तक प्रधानमंत्री #नरेन्द्र मोदी के नाम समर्पित एक अनमोल ग्रन्थ है। इस पुस्तक का स्वाध्याय करने के उपरान्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बहुआयामी व्यकित्त्व के विविध कोणों के बारे में पता चलता है।” उन्होने कहा कि पीएम ” निश्चयपूर्वक 21वीं सदी में भारत राष्ट्र के निर्माण कार्यों में रत विकास के महानायक एवं सुनीतियों के महान पुरोधा हैं। वे एक ऐसे युगपुरूष हैं जो भारत की संस्कृति, संस्कार और अध्यात्म को केन्द्रित कर वसुधैव कुटुम्बकम की नीति पर आधारित राष्ट्र निर्माण की पावन भागीरथी बहा रहे हैं। वे पद प्रतिष्ठा से परे निष्ठापूर्वक कर्म करते हुए राष्ट्र सेवा को अर्पित त्यागी-तपस्वी का जीवन जी रहे है।”
पुस्तक लोगों के प्रश्नों के उत्तर देगी
स्वामी जयन्त सरस्वती ने कहा कि मैंने सुरेन्द्र जैन की पुस्तक का अवलोकन कर उसका चिन्तन और मनन किया है। निश्चय ही, यह पुस्तक लोगों के प्रश्नों के उत्तर देगी और भारत के बुद्धिजीवियों को एक नयी दिशा व ऊर्जा देगी।
मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि “मैं लेखक सुरेन्द्र जैन को बहुत अच्छे से जानता हूं। वे एक विनम्र स्वभाव के ईमानदार समाजसेवी व्यक्ति तथा उद्यमी हैं। उनकी लिखी हुई पुस्तक समाज को सकारात्मक दृष्टि प्रदान करेगी।”
पूर्व-चेयरमैन एनसीआरटी और पद्मश्री जगमोहन सिंह राजपूत ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को जो नेतृत्व दिया है, उसके सभी आयाम सुरेन्द्र जैन की कृति में बहुत ही सादगी, शालीनता तथा सद्भावना के साथ उभरे हैं।
पुस्तक में उद्धृत ग्यारह पातियों में पिछले आठ सालों के शासन काल में भारत के विकास, उत्थान तथा प्रगति का सजीव, सटीक और गहन चित्रण मिलता है।” उन्होंने आगे कहा कि सुरेन्द्र द्वारा नरेन्द्र के नाम लिखी गयी पातियों की विशिष्टता यह है कि “जो इन्हें पढ़ना शुरू करेगा, वह इन्हें अन्त तक अवश्य ही पढ़ता जायेगा। लेखक अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल रहे है और उनका प्रयास सराहनीय है।
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पातियों के माध्यम से समकालीन भारत का दृश्य
गायक कैलाश खेर ने लेखक और पुस्तक के प्रति अपनी प्रसन्नता जताते हुए कहा कि लेखक सुरेन्द्र ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में राष्ट्र की प्रगति और विकास को बड़ी खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। मैं अपने जीवन में सुरेन्द्र जैन से कभी नहीं मिला जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आशीर्वाद पाने का मौका मुझे कई बार मिला हैं। सुरेन्द्र जैन की चिन्तन दृष्टि देख मैं प्रफुल्लित हूं। उन्होंने पातियों के माध्यम से समकालीन भारत के साथ भविष्य की सीमाओं के पार का विश्वजयी दृश्य उपस्थित कर दिया है।
लेखक सुरेन्द्र जैन प्रेरित उद्यमी
वहीं, मेरठ सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने पुस्तक की प्रशंसा की और कहा- “मैं लेखक सुरेन्द्र जैन से अच्छी तरह परिचित हूं। वे एक सहृदय, नैतिक, ईमानदार तथा समाजसेवा से प्रेरित उद्यमी हैं। उनकी पुस्तक सभी नागरिकों के जीवन को सकारात्मक दृष्टि प्रदान करेगी।” “नरेंद्र के नाम सुरेन्द की पाती में में शिक्षा, कृषि, अर्थनीति, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश-नीति, नारी सशक्तिकरण तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण सम्बन्धी सभी विषयों का सकारात्मक, विवेकपूर्ण तथा निष्पक्ष ब्यौरा प्रस्तुत किया गया है पूरी पातियों के एक-एक शब्द भारत के सुनहले भविष्य की घोषणा कर रहे है। डॉ जय शंकर आत्रेय ने विमोचन कार्यक्रम में कहा राष्ट्रभक्त नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुन्दर-स्वस्थ और सशक्त भारत का निर्माण होगा।”
पुस्तक विमोचन समारोह के अंत में विद्या प्रकाशन मन्दिर के प्रबन्ध संचालक सौरभ जैन ने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों और लोगों को धन्यवाद किया।