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141 Fake teachers पर गिरफ्तारी की तलवार

लखनऊ। मथुरा में 10 लाख रुपये की रिश्वत देकर बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से नौकरी पाने वाले 141 Fake teachers फर्जी टीचरों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। ऐसे सभी फर्जी टीचरों को एसटीएफ जल्द साक्ष्य संकलन कर गिरफ्तार करने की तैयारी में है।

Fake teachers पर बीएसए संजीव कुमार सिंह संदेह के घेरे में

तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार सिंह को फर्जी टीचरों के पूरे घोटाले में संदेह के घेरे में आने के बाद एसटीएफ ने कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पूरे प्रदेश में भर्ती हुए टीचरों का वेरीफिकेशन करने को कहा है।

गिरफ्तारी का सिलसिला जल्द

अब तक की जांच में एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक मथुरा में 150 फर्जी टीचरों की नियुक्ति की पुष्टि हुई है। इन सभी फर्जी टीचरों ने गिरफ्तार किये गए आरोपियों को 10-10 लाख रुपये रिश्वत देकर बिना आवेदन किये ही नौकरी झटक ली थी और बीते 6 महीने से ड्यूटी भी कर रहे थे। मंगलवार को उन्होंने बताया कि खुलासे के दौरान 9 फर्जी टीचरों को अरेस्ट किया गया था। बाकी बचे 141 फर्जी टीचरों का डाटा तैयार किया जा रहा है। साक्ष्य संकलन होते ही इन सभी को गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

संजीव कुमार सिंह ने खुद को बताया निर्दोष

गौरतलब है कि एसटीएफ द्वारा खुलासे के वक्त गिरफ्तार किये गए बीएसए दफ्तर के जूनियर क्लर्क महेश शर्मा ने कुबूल किया था कि उसने फर्जी अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपये वसूले थे। इसमें से 2 लाख रुपये उसने रखे जबकि, बाकी 8 लाख रुपये तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार सिंह को सौंप दिये थे। इसी के बाद से एसटीएफ संजीव कुमार सिंह की तलाश कर रही थी।

सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को एसटीएफ ने संजीव कुमार सिंह को ढूंढ निकाला और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। बताया गया कि संजीव ने शुरुआती पूछताछ में खुद को निर्दोष बताया। उसने कहा कि यह पूरा फर्जीवाड़ा उसकी बिना जानकारी के अंजाम दिया गया। हालांकि, एसटीएफ इस बयान को संजीव का पैंतरा मानकर पूछताछ कर रही है।

एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि खुलासे के वक्त मथुरा स्थित बीएसए दफ्तर के रिकॉर्ड रूम को वहां के दो अधिकारियों की मौजूदगी में सील कर दिया गया था। बुधवार को एसटीएफ टीम रिकॉर्ड रूम की सील खोलकर दस्तावेज जांचने पहुंची, लेकिन सील करते वक्त मौजूद रहे अधिकारी दफ्तर ही नहीं पहुंचे थे। जिस वजह से रिकॉर्ड रूम को खोलने की कार्यवाही गुरुवार तक के लिये मुलतवी कर दी गई।

उन्होंने बताया कि अब गुरुवार को रिकॉर्ड रूम के दस्तावेज जांचने के बाद फर्जी टीचरों की लिस्ट तैयार की जाएगी, साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि उन्होंने अब तक कितनी सैलरी हासिल की है। इसी के बाद ऐसे सभी टीचरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी

भर्ती हुए टीचरों का होगा वेरीफिकेशन

एसएसपी अभिषेक सिंह के मुताबिक, मथुरा में भर्ती घोटाले को लेकर हुए सनसनीखेज खुलासे की पूरी जानकारी एसटीएफ की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि विभाग को पूरी डिटेल और गिरफ्तार किये गए आरोपियों की मॉडस ऑपरेंडी की जानकारी देने के साथ ही कहा गया है कि प्रदेश भर में बीते दो साल में भर्ती हुए अभ्यर्थियों का वेरीफिकेशन कराया जाये। सूत्रों ने बताया कि जल्द ही बेसिक शिक्षा विभाग पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर भर्ती हुए टीचरों का वेरीफिकेशन कराया जाएगा।

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