आज के इस मॉडर्न होते समय में बदलती ज़िंदगी शैली व हमारे खान पान का असंतुलन, तनाव से भरी जिंदगी, अच्छा से नींद पूरी न लेना आदि बहुत सारे ऐसे कारण है जिसकी वजह से नज़र निर्बल होना तय है। आजकल छोटे छोटे बच्चो को भी आप चश्मा लगाए हुए देखेंगे। ज्यादातर लोगो की कम आयु में ही नज़र निर्बल हो जाती है व चश्मा लग जाता है।
जब किसी को भी दूर की चीज़ें अच्छा से दिखाई नहीं देती है या उसकी दूर की नज़र निर्बल हो जाती है, तो इस निकट दृष्टि गुनाह को चिकित्सीय भाषा में मायोपिया कहते है। निकट दृष्टि गुनाह या मायोपिया, इसके कारण, लक्षण व इलाज क्या है? मायोपिया आँख की एक स्थिति है जिसमें लोग उन वस्तुओं को देखने के लिए समस्या का सामना करते हैं जो उनके करीब नहीं हैं. पर वैसे , वे पास की वस्तुओं को बिना किसी परेशानी के साफ तौर पर देख सकते हैं. , जिसका अर्थ है कि मानव आँख ठीक तरीका से प्रकाश को मोड़ने में विफल रहती है, व इस वजह से छवि धुँधली हो जाती है. ऐसे कई कारक हैं जो इस आँख की स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं व कुछ मामलों में यह विरासत (आनुवंशिक) में भी मिल सकता है. मायोपिया तेजी से या धीरे-धीरे विकसित होने कि सम्भावना है, लेकिन सबसे पहले आदमी को आंखों के चिकित्सक से मिलना होगा. एक पेशेवर चिकित्सक इस तरह की आंखों की स्थिति से बेहतर ढंग से निपटने व उचित इलाज के साथ दृष्टि में सुधार करने में मदद करता है.
मायोपिया के कारण-
एक आदमी दूर की वस्तुओं को देखने में समस्याओं का सामना करना प्रारम्भ कर देता है जब आँख की पुतली की लम्बाई बढ़ने लगती है. इसके अलावा, कभी-कभी, कॉर्निया बेहद सुडौल हो जाता है जिसके कारण प्रकाश जब प्रवेश आँख रेटिना के फोकस बिंदु तक नहीं पहुँचता है व इतनी दूर की वस्तुएँ धुँधली दिखाई देती हैं. मायोपिया को आँख की स्थिति विरासत में मिल सकती है अगर माता-पिता दोनों में से किसी एक को चश्मा लगा हो, तो बच्चे में भी दृष्टि गुनाह होने की आसार पूरी पूरी रहती है. अकेले आनुवंशिकता ही जिम्मेदार नहीं होती है. कंप्यूटर पर व मोबाइल में लंबे घंटे बिताना या लंबे समय तक लगातार पढ़ना भी
निकट दृष्टि-दोष के खतरे को बढ़ाता है. आजकल बच्चे अधिकांश समय मोबाइल, कंप्यूटर के सामने बिताते है जिसकी वजह से उनकी आँखों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है व उनकी आँख निर्बल हो जाती है। मायोपिया ज्यादातर ज़िंदगी के शुरुआती चरण में होता है व आयु के साथ बढ़ता जाता है. कई बार बच्चों को यह भी पता नहीं होता है कि वे अपनी दृष्टि को लेकर समस्या का सामना कर रहे हैं. अपने बच्चे की दृष्टि पर नज़र रखने के लिए, नियमित अंतराल पर आंखों के परीक्षण के लिए जाना सुनिश्चित करें.
निकट दृष्टि गुनाह के कुछ सबसे सामान्य लक्षण:
● दूर की वस्तुएँ धुँधली दिखाई देने लगती हैं
● आराम से ड्राइव करने में सक्षम नहीं है व रात में ड्राइव करने के लिए अधिक चुनौती पूर्ण है
● ज्यादा देर तक आँखों से संबंधित कार्य करने से सर दर्द या फिर आँखों में जोर पड़ते ही तेज़ सर दर्दI
बच्चों में, जब यह आँख की स्थिति विकसित होने लगती है, तो निम्न लक्षणों को देखा जा सकता है.
● एक बच्चा बार-बार स्क्विंट करना प्रारम्भ कर देता है
● पिछली बेंचों से कक्षा में लिखने तथा पढ़ने में असमर्थ
● टेलीविजन देखने के लिए के करीब बैठना
● दूर स्थित चीज के बारे में स्पष्टता रखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है
● बार-बार आंखों को रगड़ना
अगर उपयुक्त लक्षण में से कोई भी लक्षण लगे तो तुरंत आँखों के चिकित्सक से सम्पर्क करें तथा अपनी आँखों की अच्छा से टेस्टिंग करवाए। आँख की स्थिति पर ठीक सलाह लेने के लिए eye7 या किसी अन्य योग्य व पेशेवर डॉक्टर से सलाह लें.
मायोपिया का निदान –
मायोपिया का निदान इसकी पुष्टि करने वाला पहला कदम है. इसके निदान के लिए, एक आदमी को एक आँख इम्तिहान से गुजरना पड़ता है. नेत्र स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान चिकित्सक को कुछ बूँदें डालने की आसार है; यह पुतली को पतला करने के लिए किया जाता है. आपकी आँख की स्थिति के बारे में सुनिश्चित करने के लिए, एक चिकित्सक विभिन्न उपकरणों का उपयोग कर सकता है व कई लेंसों के माध्यम से आपकी दृष्टि की जाँच भी कर सकता है. इस इम्तिहान के साथ, यह पुष्टि की जाती है कि यह निकट दृष्टि गुनाह है या कुछ और. मायोपिया का उपचार विभिन्न उपायों से किया जा सकता है. दूर की वस्तुओं को इस आँख की स्थिति से साफ तौर पर देखने के लिए निर्धारित लेंस एक सुविधाजनक उपाय है. आजकल विभिन्न प्रकार के चश्मा व कॉन्टैक्ट लेंस मार्केट में उपलब्ध हैं. सर्वश्रेष्ठ लेंस के बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें व किसी एक का उपयोग करना प्रारम्भ करें. लेसिक सर्जरी आपकी दृष्टि में सुधार करने का उपाय है. सर्जरी के बाद, आपको चश्मा या लेंस पहनने की जरूरत नहीं हो सकती है. ऑपरेशन के दौरान, सर्जन एक लेजर बीम का उपयोग करता है व कॉर्निया को फिर से आकार देता है, जिससे दूर दृष्टि स्पष्ट हो जाती है.यह पूर्णतया सुरक्षित है व बहुत ही सरलता से आप इस तकनीक से चश्मे से मुक्ति पा सकते है।
एक पेशेवर नेत्र डॉक्टर से मिले व अपनी आँखों की जाँच करवाए ताकि यह पता लग सके की यह दृष्टि गुनाह है या कुछ और। तथा ठीक समय चश्मा लगवा ले I विश्लेषण के बाद चिकित्सक आपके लिए सबसे उपयुक्त इलाज सुझाएंगे.