अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए कहा कि कोर्ट को अधिकार है कि धोखे से पारित कराए गए आदेश को निरस्त कर दे। Published by- @MrAnshulGaurav Tuesday, April 19, 2022 वाराणसी। सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने औरंगाबाद हाउस के परिवारिक सदस्य विराटपति त्रिपाठी ...
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