अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए कहा कि कोर्ट को अधिकार है कि धोखे से पारित कराए गए आदेश को निरस्त कर दे।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Tuesday, April 19, 2022
वाराणसी। सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने औरंगाबाद हाउस के परिवारिक सदस्य विराटपति त्रिपाठी बनाम विजय सिन्हा से सम्बंधित लक्सा क्षेत्र के जमीन के एक मामले में दिए गए कब्जा दखल और बाउंड्री वॉल के निर्माण में हस्तक्षेप न करने और पुलिस को अनुपालन के लिए दिए गए आदेश को विपक्षी के आवेदन पर निरस्त कर दिया। अदालत में प्रतिवादी का पक्ष अधिवक्ता विशाल सिंह ने रखा।
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बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष व अधिवक्ता विशाल सिंह ने आवेदन देकर कहा कि परिवादी ने कोर्ट से धोखाधड़ी कर कब्जा दखल के साथ बाउंड्रीवाल निर्माण में पुलिस सहयोग का एकतरफा आदेश पारित करा लिया है ऐसे में मंगलवार को ही सुनवाई कर आदेश पारित किए जाने का अनुरोध किया है।
अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए कहा कि कोर्ट को अधिकार है कि धोखे से पारित कराए गए आदेश को निरस्त कर दे। आदेश की प्रति सम्बन्धित थानाध्यक्ष और पुलिस आयुक्त को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजने को कहा और मामले की सुनवाई हेतु 25 मई की तिथि नियत कर दी।
रिपोर्ट- जमील अख्तर