क्या लड़की होना पाप है? कोई गुनाह है? आखिर क्यों लड़की को यह बार-बार एहसास दिलाया जाता है कि वह एक लड़की है? लड़कियों को बचपन से ही इस तरह से ढाला जाता है कि वह सिर्फ घर के कामों के लिए ही बनी है. बाहर की दुनिया से उनका ...
Read More »Tag Archives: पितृसत्तात्मक समाज
सामाजिक भ्रांतियां बनी हैं पुरुष नसबंदी में अवरोध : सीएमओ
• परिवार नियोजन अपनाना है, पुरुषों की भागीदारी को बढ़ाना है • महिलाओं की अपेक्षा पुरुष नसबंदी ज्यादा आसान • पुरुष नसबंदी से न तो शारीरिक कमजोरी होती है और न ही कामकाज में कोई दिक्कत • पुरुष आगे आएं अपनी भागीदारी बढ़ाएं औरैया। पितृसत्तात्मक समाज में यह बहुत ही ...
Read More »समाज की सोच को बदलती लड़कियां
लड़कों पर नाज करने वाला समाज (society) अब लड़कियों (Girls) की कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहा है. जिन्होंने अपनी मेहनत, जुनून और जज्बे से पितृसत्तात्मक समाज की उस धारणा को ध्वस्त किया है कि महिलाएं पुरुषों से कमजोर और कम प्रतिभाशाली होती हैं. आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, ...
Read More »गांवों में लड़कियों की उच्च शिक्षा के प्रति उदासीनता
किसी भी देश के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उसके सभी नागरिक समान रूप से शिक्षित और दक्ष हों. चाहे वह शहरी क्षेत्र से हों या ग्रामीण, पुरुष हों या महिला. सभी बिना किसी भेदभाव और बाधा के सभी क्षेत्र में पारंगत हों. इसका अर्थ है कि विकास ...
Read More »ऑनलाइन बिज़नेस में आत्मनिर्भर बनती महिलाएं
प्रकृति की सबसे खूबसूरत रचनाओं में एक रचना महिलाएं हैं. इस आधी आबादी से ही पूरी दुनिया है. 8 मार्च को विश्व की इसी आधी आबादी का दिन है. महिलाओं को उनके अधिकारों प्रति जागरूक करने व सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष इस दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया ...
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