विविधता भारत की आदिकाल से चली आ रही विशेषता है। इसके बाद भी यहां सदैव एक राष्ट्र की विकसित अवधारणा रही है। इसी में एकता के सूत्र समाहित रहे है। मत पंथ उपासना पद्धित के अनेक रूप सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का संवर्धन करने वाले थे। कालांतर में एक व्यवधान आये,लेकिन राष्ट्र ...
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