सावन कजरी की तान और मुस्काता किसान ———————————————– छम छम रिमझिम रिमझिम सावन आया लेकर मधुर तान हर लब पर कहीं पड़ने लगे झूले कहीं गूंजने लगे मंगल गीत कहीं महक मेहंदी की कहीं खनक कंगन की छम छम रिमझिम रिमझिम सावन आया लेकर मधुर तान हर लब पर सावन ...
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