झील की कोखों से जहां झांकते थे,धूप से सोना मढ़े भाप के छल्ले वहां अब मंडराता है घना नीला कुहरा…. ‘हेमंत का गीत गाते हुए अज्ञेय ने कभी इन्हीं पंक्तियों के साथ हेमंत ऋतु का स्वागत किया था, लेकिन अब कोहरा जैसा सौंदर्य इस समय शायद ही दिखता है। खूबसूरती ...
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सावन संग कजरी
सावन शब्द सुनते ही मन मस्तिष्क में काले घने बादल, रिमझिम फुहारे एवं हरियाली वातावरण मन को अनायास ही सिंचित कर देता है। एक ओर सुहागन स्त्रियों का अपने चकोर से दूर जाने का विरह मन में वेदना का ज्वार उत्पन्न करता तो वहीं दूसरी ओर अपने मायके जाने की ...
Read More »Basant Chaudhary के काव्य-संग्रह ‘चाहतों के साये में’ का लोकार्पण
नई दिल्ली। काठमांडू नेपाल के प्रख्यात कवि साहित्यकार Basant Chaudhary बसन्त चौधरी के काव्य -संग्रह ‘चाहतों के साये में’ का लोकार्पण कल शाम होटल हयात रेजेन्सी में देश के वरिष्ठ साहित्यकारों की विशेष उपस्थति में किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि फ़िल्म गीतकार समीर अंजान, ग़ज़लकार बाल स्वरूप राही, रमेश चंद्र ...
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