जल प्रतिधारण या वॉटर रिटेंशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें द्रव पेट के अंदर रिक्त स्थान में जमा हो जाता है। इसे द्रव प्रतिधारण या जलोदर भी कहा जाता है।
अगर यह गंभीर है, तो दर्दनाक हो सकता है। यह द्रव शरीर के अन्य हिस्सों में भी जा सकता है, सूजन पैदा कर सकता है। वॉटर रिटेंशन होने पर पेट में सूजन, वजन बढ़ना, सांस लेने में दिक्कत और अपच जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
वॉटर रिटेंशन की स्थिति में शरीर में सूजन आ जाती है, व्यक्ति को चलने-फिरने और रोजमर्रा के काम करने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज के इस लेख में विस्तार से जानते हैं पेट में वॉटर रिटेंशन के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय-
पेट में वॉटर रिटेंशन के लक्षण
- पेट में सूजन
- वजन बढ़ना
- मतली या उल्टी
- अपच
- निचले पैरों में सूजन
- सांस लेने में दिक्कत
- बवासीर
- भूख न लगना
पेट में वॉटर रिटेंशन के कारण
पेट में वॉटर रिटेंशन के लिए कई कारण जिम्मेदार हते हैं।
1. हॉर्मोन में बदलाव
2. अधिक मात्रा में नमक का सेवन और
3. शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी जमा होना वॉटर रिटेंशन के प्रमुख कारण होते हैं।
वॉटर रिटेंशन के कारण का पता लगाने के लिए पेट से तरल पदार्थ का नमूना लिया जाता है। यह नमूना सूई की मदद से लिया जाता है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड की मदद से भी इसकी जांच की जाती है।