भारत स्थित अमेरिकी एम्बेसी ने भी आज पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन को याद किया। उसकी तरफ से डॉ. राधाकृष्णन की अमेरिका यात्रा का उल्लेख किया गया। यात्रा से संबंधित दुर्लभ चित्र भी जारी किए गए।
कहा गया कि 1963 में वह अमेरिका की सरकारी यात्रा पर आए थे। वह सच्चे अर्थों में महान शिक्षक थे। राष्ट्रपति होने के बावजूद उन्होंने अपने अंतर्मन में शिक्षक को जीवित रखा था। यह तथ्य उनके भाषण,विचारों व वार्ताओं के दौरान दिखाई देता था।
वह भारतीय दर्शन के मनीषी थे, दार्शनिक थे। इसलिए मानवता वादी थे,वसुधैव कुटुम्बकम पर उनका विश्वास था। वह सबके सुख और कल्याण की कामना करते थे। अमेरिका यात्रा के दौरान भी उन्होंने विश्व शांति व सौहार्द के विचार को रेखांकित किया था। अमेरिका ने उनके विचारों को बहुत धैर्यपूर्वक सुना था।