भूतनाथ बाजार लखनऊ महानगर के इंदिरा नगर क्षेत्र में स्थित है। यह बाजार भूतनाथ मंदिर के सानिध्य में एक लम्बे समय में विकसित हुआ। बाज़ार के मध्य में स्थित भूतनाथ मंदिर आज भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है, लेकिन ये बाज़ार आपने आप में एक प्रमुख वाणिज्यिक स्थल बन चुका है और खरीदार को एक समग्र खरीदारी का अनुभव प्रदान करता है। लेकिन बीतते समय के साथ कुछ चीजें और भी बदली जैसे की बेतरतीब यातायात और उससे जुड़ी पार्किंग समस्या, खराब पदयात्री सुविधायें एवं सड़क पर अतिक्रमण जिससे भूतनाथ बाज़ार में खरीदारी करने वालों को मुश्किलें आने लगी।
कुछ ऐसी ही वजहों से पूरे विश्व में खरीदार ऑनलाइन व्यापार की तरफ आकर्षित हुए और भूतनाथ जैसे बाज़ारो ने खरीदारो की कमी मह्सूस की। हालाँकि, इस सबके बावजूद प्रतिदिन सन्ध्या काल में भूतनाथ बाज़ार में काफी भीड़भाड़ रहती थी, लेकिन कोविड-19 ने सारे समीकरण बदल दिये। अचानक ऑनलाइन खरीदारी में एक भारी उछल आया, बाज़ार खाली हो गये और स्थानीय व्यापार पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।
इस पृष्ठभूमि पर वर्नाक्युलर कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रा. लि. (वर्कोस) नामक योजना एवं वास्तुविद संस्था ने स्थानीय व्यापारियों के साथ इस मुद्दे पर विवेचना करी और अपने देश एवं विदेश के अनुभवों को साझा किया।
“वर्कोस” ने व्यापारियो के साथ मिल के एक टैंक्तिकल अर्बनिस्म कि परियोजना पर कार्य किया जिसके तीन प्रमुख उद्देश्य हैं:
1- जनता को सरकारी नीतियों के अनुसार कोविड-19 रहित सुरक्षित वातावरण प्रदान करना।
2- बाज़ार को एक आधुनिक पहचान देना जिससे खरीदार भूतनाथ बाज़ार आने में आंतरिक खुशी का अनुभव करें।
3-बाज़ार में व्याप्त यातायात एवं पार्किंग की समस्याओ का समाधान करना।
इस परियोजना का दृष्टिकोण दीर्घकालिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करना है, जिसके लिए कम लागत वाले अस्थायी उपायो को प्राथमिकता दी जाएगी। परन्तु यह भी ध्यान रखा जाएगा कि उपाय ऐसे हो जिन्हें कि द्रुत वेग से ना सिर्फ पूरे बाज़ार में अपनाया जा सके। अपितू उपयोगिता सिद्ध होने पर स्थाइ किया जा सके। टैक्टिकल अर्बनिज़्म को इस कोविड-19 महामारी के दौरान विश्व के कई प्रगतिवन देशों ने ना सिर्फ अपनाया अपितु उन्हें कुछ दिवसो के आंकलन के बाद स्थाई भी कर दीया।
भारत में भी टेक्निकल अर्बनिज़्म को कई बड़े शहरो में अपनाया गया है जैसे कि दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई एवम राँची। स्वयं वर्कोस ने जी.आयि.झेड. (Deutsche Gesellschaft für Internationale Zusammenarbeit, Germany) नामक जर्मन संस्था के साथ कोयम्बटूर शहर में टैक्टिकल अर्बनिज़्म का कार्य सम्पूर्ण किया है। और वर्तमान में डब्लु.आर.आई. (World Resources Institute, India) के साथ गुरुग्राम के सदर बाज़ार की काया कल्प पर कार्य कर रहे हैं। टैक्टिकल अर्बनिज़्म के अंतर्गत आने वाले कुछ उपाये हैं-
1- बाज़ार में खरीदरी करने वालो की सहूलियत एवं कोविद-19 से सुरक्षा हेतु विभिन्न रंगो के द्वारा जगह का निर्धारण करना।
2- साइकल, दोपहिया वाहन एवम चार पहिया वाहनो के लिये पार्किंग व्यवस्था तय करना।
3- बाज़ार में खरीदारो को एक सम्पूर्न पारिवारिक अनुभव देने हेतु उचित व्यवस्था करना।
4- एक सम्पूर्न स्ट्रीट डिज़ाइन एवं मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन कि परियोजना बनाना।
ऐसी परियोजना के लिये मूल्तह कम लागत वाली सामग्री का इस्तेमाल किया जात है। जैसे थेर्मो-प्लस्तिक पेंट, रंगीन टेप, ट्रैफ़िक शंकु आदि।
परियोजना मुख्यतः भूतनाथ बाजार की सड़क पर केंद्रित है। भूतनाथ मेट्रो स्टेशन से चर्च रोड तक की सड़क और सेंट डोमिनिक रोड से सटे हुए खंड को परियोजन में शामिल किया गया है। सभी सड़क उपयोगकर्ताओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सम्पूर्ण सड़कों की अवधारणा को अपनाया गया है एवं क्षेत्र में सुचारू यातायात संचलन सुनिश्चित करते हुए सड़कों को पैदल यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसके लिये थेर्मो-प्लस्तिक पेंट क इस्तेमाल होगा।
प्रस्तावित सड़क डिजाइन में सड़क के दोनों किनारों पर सुरक्षित पैदल यात्री क्रॉसिंग के साथ चौड़ी और बाधा रहित पैदल पथ शामिल हैं, सार्वजनिक क्षेत्र में सीटों के लिए प्रावधान, छायांकन और कम लागत वाले वृक्षारोपण शामिल हैं। इस योजना में यह सुनिश्चित किया गया है कि दोपहिया और चारपहिया वाहनों की पार्किंग एवं सड़क पर चलने वाले ट्रैफ़िक एवं पदयात्रियो की आवाजाही में कोई संघर्ष नहीं हो।
भूतनाथ मंदिर के सामने सार्वजनिक पार्किंग की व्यवस्था प्रस्तावित है। बाजार की सड़क के दोनों छोर पर ऑटो रिक्शा स्टॉप का प्रावधान किया गया है। आंतरिक सड़कों से आने वाले यातायात को नियंत्रित करने, वाहनों के संघर्ष को कम करने और प्रस्तावित डिजाइन को लागू करने के लिए ट्रैफ़िक शंकु प्रस्तावित किए गए हैं। वर्कोस द्वारा तैयार की जा रही इस परियोजना के 6 मुख्य चरण हैं:
- व्यापारियो से उनकी परेशानियां समझना
- प्रथम चरण सर्वे
- परियोजना तैयार करना
- व्यापारियो को परियोजना समझाना एवं उनके सुझाव लेना
- परियोजना को कार्यान्वयन हेतु तैयार करना एवं सरकार द्वारा सहमति
- बाज़ार में कार्यान्वित करना
वर्तमान में वर्कोस के वस्तुविद एवं नियोजक परियोजना के चौथे चरण पर काम कर रहे हैं और आशावान है कि व्यापारियों एवं सरकारी सहायता से आने वाले 1 माह में ये पूरी योजना क्रियांवित हो सकती है। यह योजना न सिर्फ लखनऊ अपितु संपूर्ण राज्य के लिए एक अनूठी पहल होगी। हमारी शुभकामनाए भूतनाथ के व्यापारियों के साथ हैं, जिन्होंने इस अनूथि पहल को अपनाया। अंततः भूतनाथ जाने वाली जनता को ना सिर्फ एक सुरक्षित वातावरण मिलेगा बल्कि उन्हें एक सम्पूर्ण पारिवारिक अनुभव भी प्राप्त होगा।
अमित उपाध्याय