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कुष्ठ रोग के प्रति आमजन को जागरूक करने को 13 फरवरी तक चलेगा अभियान

कुष्ठ निवारण और कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करने की दिलाई गयी शपथ

कुष्ठ रोग मुक्त जनपद की मुहिम में ग्राम प्रधान भी आये आगे

औरैया। 15 दिवसीय स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के क्रम में शुक्रवार को जनपद के समस्त ग्राम प्रधान भी कुष्ठ रोग मुक्त जनपद की मुहिम में शामिल हुए। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र के ग्रामवासियों के साथ ‘‘भेदभाव का अंत करें, सम्मान को गले लगाएं’’, की थीम को साकार करने का संकल्प लिया । कुष्ठ उन्मूलन की शपथ दोहराते हुए जन जागरूकता की अपील की गई।

कुष्ठ रोग के प्रति आमजन को जागरूक करने को 13 फरवरी तक चलेगा अभियान

जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ अजय मिश्रा ने बताया कि कुष्ठ रोग से जुड़े कलंक और भेदभाव की समस्या को दूर करने के लिए 30 जनवरी 2017 से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान की पूरे देश में शुरुआत की गयी थी । इसके तहत 15 दिनों तक स्कूल, कॉलेज, ग्राम सभा, स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े सत्र स्थलों और विभिन्न सामुदायिक प्लेटफार्म के जरिये लोगों को बीमारी के लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी दी जा रही है । उन्हें बताया जा रहा है कि कुष्ठ के लक्षण दिखने पर आशा, एएनएम या बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मदद से स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं और सम्पूर्ण इलाज पाएं।

ग्रामवासियों को दिलाई कुष्ठ निवारण और रोगियों से भेदभाव न करने की शपथ

उप जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ अशोक कुमार राय ने बताया कि पॉसी बेसिलाई (पीबी) कुष्ठ रोग का इलाज छह माह में और मल्टी बेसिलाई (एमबी) कुष्ठ रोग का इलाज साल भर में पूरा हो जाता है । समय से जांच और इलाज न करवाने पर यह बीमारी दिव्यांगता और विकृति का रूप ले सकती है । कुष्ठ अधिक संक्रामक बीमारी नहीं है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से नहीं पहुंचता है। एक बार उपचार शुरू होने के बाद संक्रमण की आशंका शून्य हो जाती है । इसका उपचार सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर उपलब्ध है । कुष्ठ रोगी को परिवार और समुदाय से अलग नहीं करना है। वह सामाजिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा ले सकते हैं।

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जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ विशाल अग्निहोत्री का कहना है कि अगर शरीर पर चमड़ी के रंग से हल्का कोई भी दाग धब्बा हो और उसमें सुन्नपन हो तो कुष्ठ की जांच अवश्य करानी चाहिए । हल्के रंग के व्यक्ति की त्वचा में गहरे और लाल रंग के भी धब्बे हो सकते हैं। हाथ या पैरों की अस्थिरता या झुनझुनी, हाथ पैर व पलकों में कमजोरी, नसों में दर्द, चेहरे या कान में सूजन अथवा घाव और हाथ या पैरों में दर्द रहित घाव भी इसके लक्षण हैं । समय पर जांच और इलाज से मरीज ठीक हो जाता है और सामान्य जीवन जी सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 89 कुष्ठ रोगी इलाज़ पर है।

कुष्ठ रोग के लक्षण –

– गहरी रंग की त्वचा के व्यक्ति में हल्के रंग के धब्बे और हल्के रंग के व्यक्ति की त्वचा में गहरे अथवा लाल रंग के धब्बे
– त्वचा के दाग धब्बों में संवेदनहीनता (सुन्नपन)
– हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी
– हाथ, पैरों या पलकों में कमजोरी
– नसों में दर्द
– चेहरे, कान में सूजन या घाव
– हाथ या पैरों में दर्द रहित घाव

रिपोर्ट – शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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