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टिकरी बॉर्डर पर किसान ने फांसी लगाकर दी जान, सुसाइड नोट में लिखा- मरते दम तक यहीं रहना

कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के बीच रविवार को एक और किसान ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी. दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में शामिल हरियाणा के कर्मवीर सिंगवाल (Karmaveer Singwal) ने आज सुबह पेड़ में रस्सी के सहारे फंदा लटका कर खुदकुशी कर ली.

किसान की आत्महत्या के बाद आसपास के इलाके में मौजूद लोग जुट गए. मृतक कर्मवीर सिंगवाल अपने पीछे एक सुसाइड नोट भी छोड़ गया, जिसमें उन्होंने आंदोलनकारी किसानों के नाम संदेश लिखा है. सिंगवाल ने इसमें कहा है कि काले कानूनों के खिलाफ मरते दम तक किसानों को संघर्ष करना है.

दरअसल, यह कोई पहला मौका नहीं है जब प्रदर्शनकारी किसानों ने आत्महत्या की. इससे पहले जनवरी महीने में भी कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर प्रदर्शन में भाग ले रहे पंजाब के 40 वर्षीय एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी. तब हरियाणा पुलिस ने यह जानकारी दी थी. सोनीपत के कुंडली पुलिस थाने में निरीक्षक रवि कुमार ने बताया था कि किसान अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले का निवासी था. किसान को सोनीपत के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

सिख उपदेशक संत राम सिंह ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी

उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों, खासकर पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते साल दिसंबर महीने के आखिरी सप्ताह में सिंघू सीमा पर ही सिख उपदेशक संत राम सिंह ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान कई दिनों से सिंघू बॉर्डर समेत दिल्ली की अनेक सीमाओं पर डेरा डाले हैं.

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