कुछ समय पहले ही ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय में फैली जंगल की आग पर अब तक काबू नहीं किया जा सका है। वहीं हजारों स्वयंसेवकों ने आग से प्रभावित जानवरों के लिए बुने हुए कपड़े र ठहरने के लिए शेल्टर की व्यवस्था की है। जंहा झाड़ियों में लगी आग की वजह से अब तक 27 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 80 लाख हेक्टेयर धरती जलकर खाक हो चुकी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक जैवविविधता विशेषज्ञ ने अनुमान लगाया है कि इस आपदा में एक अरब से अधिक जंगली जानवरों की मौत हो सकती है। लेकिन कई जानवर अनाथ हो गए हैं व अपने प्राकृतिक आवास के बिना रहने के लिए विवश हो गए हैं। वहीं मां की मृत्यु होने के बाद बेबी कंगारू, कोआला व चमगादड़ के बच्चों को बढ़ने के लिए पाउच की आवश्यकता होती है। वे स्वयंसेवकों से मिलने वाले उत्पादों पर निर्भर हैं।
जंहा यह भी बोला जा रहा है कि फ्लाइंग फॉक्स को अच्छा होने के लिए पाउच की आवश्यकता होती है, जबकि कोआला को अपने जले हुए पंजे को अच्छा करने के लिए मिट्टियों की आवश्यकता होती है। ऑस्ट्रेलिया स्थित एनिमल रेस्क्यू क्राफ्ट गिल्ड ने अपने फेसबुक समूह को अपने सदस्यों से मदद पहुंचाने के लिए कहा, ताकि वे जानवरों की आवश्यकता के उत्पादों की व्यवस्था कर सकें। उनके प्रयासों की वजह से यूरोप, एशिया व उत्तरी अमेरिका के दाताओं ने जानवरों की आवश्यकता की चीजों को भेजा है। क्वींसलैंड स्थित द रेस्क्यू कलेक्टिव ने एनिमल रेस्क्यू क्राफ्ट्स गिल्ड के साथ मिलकर बचाव दल को दान की गई वस्तुओं को वितरित करने के लिए पशु बचाव कार्यकर्ताओं को सौप दिया है ।