भोजन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ऊर्जा, पोषकतत्व प्रदान करता है. संतुलित भोजन में प्रोटीन, कार्ब, फैट, विटामिन और खनिज पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए, लेकिन इसकी लंबे समय से कमी होने से कुपोषण की समस्या होती है.
पोषकतत्वों के असंतुलन से शरीर में कुपोषण की समस्या होती है. कुपोषण के भी कई प्रकार होते हैं, इसे जानना बहुत महत्वपूर्ण है. हाल ही हुए एक सर्वे में हिंदुस्तान में 5 वर्ष से कम आयु के 35% बच्चों की लम्बाई कम है जो पूरी तरह से बढ़ नहीं सकी है. 17% बच्चे लंबाई के मुकाबले कम वजन, 33% अंडरवेट कैटेगरी में हैं. 1-4 साल की आयु के बच्चों में विटमिन A व बचपन में आयोडीन की कमी, निर्बल मांसपेशियां, सांस लेने में दिक्कत, हड्डियां विकसित नहीं हैं. बच्चों में पोषण की कमी का सीधा असर उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर पड़ता है । जिसमें दिमाग का पूर्ण विकास न हो पाना, निर्बल याददाश्त, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी व संक्रमण एवं बीमारियों का खतरा मुख्य है.
संतुलित खानपान से स्वास्थ्य वर्धक रहेंगे
स्वस्थ रहने के लिए सबको अच्छी दिनचर्या अपनानी चाहिए. अच्छी दिनचर्या से शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक ठीक रहता है. बायोलॉजिकल क्लॉक के अनुसार शरीर के अंग काम करते हैं. बायोलॉजिकल क्लॉक बेकार न हो इसलिए समय पर सोएं-उठें. हर स्वस्थ आदमी को नियमित 30 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए. संतुलित खानपान, अच्छी जीवनशैली व वजन नियंत्रित रखें.
इन चीजों का भी रखें विशेष ध्यान
हर स्वस्थ आदमी को नियमित कम से कम 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए. शरीर में 2-3% पानी की कमी से एनर्जी लेवल गिरने लगता है. पानी की कमी से दिमाग पर असर, सिर, शरीर में दर्द होता हैै. तरलता घटने से ब्लड फ्लो घटता और कई समस्याएं भी होती हैं. रात में पेट खाली होने से प्रातः काल उठते एनर्जी की आवश्यकता होती है. प्रातः काल उठने के 2 से 3 घंटे के अंदर नाश्ता बहुत महत्वपूर्ण होता है. ब्रेकफास्ट करने से एनर्जी बढ़ने के साथ पाचन अच्छा रहता है. समय से ब्रेकफास्ट करने से शरीर का मेटाबोलिज्म ठीक रहता है.