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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…सरकार किसी भी दल की हो, वह जनता पर जबरन कोई कानून नहीं थोप सकती

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

चतुरी चाचा ने यूपी की नई जनसँख्या नीति की चर्चा करते हुए कहा- बढ़ती आबादी ते देस पिछड़तै जाय रहा। आज केरी तारीख मा जनसंख्या सबसे जटिल समस्या हय। सरकार केरी विकास अउ कल्याण ते जुड़ी तमाम योजनाएं जनसंख्या विस्फोट मा उड़ि जाती हयँ। सुरसा की तिना मुँह फैलाय रही महंगाई अउ बिकराल बेरोजगारी बढ़ती आबादी क देन हय। यूपी मा ‘दिन दूनी-रात चौगनी’ आबादी बढ़ि रही हय। योगी सरकार इहिते चिंतित भई। तबहिन बाबा नई जनसँख्या नीति लैके आये हयँ। मुला, कानून बनयक पहिलेन विरोध होय लाग। मजे क बाति द्याखव ‘हम दो-हमारे दो’ क्यार नारा देय वाली कांग्रेसव यहिका विरोध कय रही हय।

आज चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे के बजाय बगल वाले मड़हा में तख्त पर विराजमान थे। दूसरे तख्त पर मुंशीजी, कासिम चचा व बड़के दद्दा पलथी मारे बैठे थे। मैंने भी चतुरी चाचा के पैताने पड़ी बसखटिया पर डेरा जमा लिया। बूंदाबांदी के बीच रह-रहकर हवा के तेज झोंके चल रहे थे। पिछले पखवारे से उमस भरी गर्मी से बेहाल हम लोगों के लिए यह राहत की बारिश थी। ककुवा को गैर हाजिर देखकर चतुरी चाचा ने बड़के दद्दा से उनके बारे में तहकीकात की। बड़के दद्दा ने बताया कि ककुवा आज अपने शुक्लन पुरवा वाले खेत में धान की रोपाई करवा रहे हैं। वह आज शाम तक वहीं रहेंगे। इसके बाद चतुरी चाचा ने यूपी की नई जनसंख्या नीति से प्रपंच का आगाज किया।

मुंशीजी ने चतुरी चाचा की बात का समर्थन करते हुए कहा- अगर उस जमाने में कांग्रेस देश की बढ़ती आबादी पर रोक लगाने में सक्षम हो जाती, तो आज भारत विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों की कतार में खड़ा होता। इंदिरा जी ‘हम दो-हमारे दो’ का नारा दिया। देश में नसबंदी सहित परिवार नियोजन के अन्य साधनों पर खूब जोर दिया गया। परन्तु, कुछ दिनों बाद ही यह योजना धराशायी हो गई। देश में नसबन्दी के तरीकों को लेकर बवाल मच गया। हजारों लोगों की गलत तरीके से नसबंदी कर दिए जाने की चर्चा गर्म हुई। बाद में इसी मुद्दे पर इंदिरा गांधी को लोकसभा चुनाव में जनता का विरोध झेलना पड़ा। दरअसल, तब केंद्र सरकार व राज्य सरकारें जनता को विश्वास में नहीं ले पाई थीं। सरकारी मिशनरी आम जनता को जनसंख्या विस्फोट से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक ही नहीं कर पाई थी।

चतुरी चाचा

कासिम चचा बोले- सरकार किसी भी दल की हो। वह जनता पर जबरन कोई कानून नहीं थोप सकती है। आज सब लोग जागरूक हैं। सबको पता है कि उनकी क्षमता कितने बच्चे पालने की है। कुछ जाहिलों को छोड़ दें, तो सभी लोग अपनी क्षमता के अनुरूप ही बच्चे पैदा करते हैं। नेताओं को जब वोट लेना होता है, तब यही विशाल आबादी वरदान लगती है। वहीं, जब सरकार चलानी पड़ती है, तब यही बड़ी आबादी अभिशाप लगने लगती है। इसी आबादी के दम पर आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। भारत के मेधावी युवा सैकडों देशों में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।

तभी चंदू बिटिया गेंहू-चना की घुघरी, लालमिर्च-लहसुन की चटनी, गुनगुना नींबू पानी और तुलसी-अदरक की कड़क चाय लेकर आ गई। हम सबने चटपटी चटनी के साथ गेंहू-चना की स्वादिष्ट घुघरी चबाई। फिर सभी परपंचियों ने पानी पीकर चाय के कुल्हड़ उठा लिये। कासिम चचा ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा- सरकार को दंडात्मक कानून बनाने के बजाय आबादी को नियंत्रित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। अशिक्षित लोगों को शिक्षित-प्रशिक्षित किया जाए। लोगों को स्वयं अपना परिवार नियोजित करने के लिए प्रेरित किया जाए। इससे काफी हद तक बढ़ती आबादी पर लगाम लग जाएगी। योगी सरकार आसन्न विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर इस कानून का मसौदा पेश किया है। यूपी सरकार की नीयत में ही खोट है।

बड़के दद्दा हमेशा की तरह कासिम चचा की दलील पर भड़क गए। वह बोले- चचा, आपको यूपी सरकार की नीयत में खोट दिखाई पड़ रही है। परन्तु, कुकुरमुत्ते से भी तेज बढ़ती आबादी दिखाई नहीं दे रही है। लोग बिना कुछ सोचे-समझे बच्चे पर बच्चे पैदा करते जा रहे हैं। आखिर सरकार कब तक उन्हें मुफ्त में अनाज, आवास, शौचालय, रसोई गैस, शिक्षा, चिकित्सा व आर्थिक मदद उपलब्ध करवाती रहेगी? देश का एक वर्ग सरकार को तरह-तरह के टैक्स देता है। यह वही वर्ग है, जिनके एक या दो ही बच्चे हैं। इनके द्वारा अदा किए कर से अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने वाले वर्ग को सुख-सुविधाएं दी जाती हैं। जबकि टैक्स की धनराशि से देश की विकास योजनाएं संचालित की जानी चाहिए। जनसँख्या विस्फोट ने भारत का बेड़ा गर्क कर रखा है। हम तो कहते हैं कि यूपी सरकार की तरह केंद्र सरकार को आबादी रोकने के लिए कड़ा कानून लाना चाहिए। दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर देना चाहिए।

चतुरी चाचा

चतुरी चाचा ने कासिम और बड़के दद्दा को शांत करते हुए बोले- देस मा कई दशकन ते आबादी रोकय क्यार बतखाव होय रहा। बढ़ती जनसंख्या केरे नतीजन ते नेता अउ अधिकारी वाकिफ हयँ। यहिके अलावा समाज मा सब कोऊ जानत हय कि जनसंख्या धमाके ते देस धुंआ-धुंआ होय रहा। दशक पय दशक बीति गए, मुला कौनिव सरकार आबादी रोकय क हिम्मत नाय जुटाए पाइस। सबका वोट चाही बस। जनसंख्या विस्फोट मा भी राजनीति घुसी हय। समाज केरे एक खास वर्ग कहियां कोऊ नाराज नाय कीन चाहत हय। अब जाइके योगी आदित्यनाथ ई दिसा मा कदम बढ़ाइन हय। यूपी सरकार का चाही कि जनसँख्या नियंत्रण कानून कड़ाई ते लागू कय देय।

अंत में मैंने सबको कोरोना अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 19 करोड़ 35 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से करीब 41 लाख लोगों की मौत हो गई। इसी तरह भारत में अबतक तीन करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से चार लाख 13 हजार से अधिक लोग बैमौत मारे गए। दुनिया के तमाम देशों की तरह अपने देश में भी कोरोना वैक्सीन बड़ी तेजी से लगाई जा रही है। अभी तक तकरीबन 40 करोड़ टीके लग चुके हैं। बच्चों के लिए भी वैक्सीन आने वाली है। बच्चों पर कोवैक्सिन की पहली डोज बड़ी प्रभावकारी रही है। पहली खुराक से ही बच्चों में बहुत अच्छी एंटी बॉडीज बन गई। दूसरी खुराक के बाद फिर जांच होगी। इसके बाद बच्चों का भी टीकाकरण किया जा सकेगा। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

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