एक बार फिर से निर्भया केस में दोषियों की फांसी टल गई है। इन दोषियों को कल (1 फरवरी को) फांसी होनी थी। पहले इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की फांसी पर डेथ वारंट जारी किया था। जिसमें फांसी के लिए 1 फरवरी की तारीख तय की गई थी। अब इन दोषियों को कोर्ट के अगले आदेश तक फांसी नहीं होगी।
इस मामले में गुरुवार को विनय की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल याचिका में राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने के आधार पर फांसी पर रोक लगाने की अपील की गई थी।
बता दें कि निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में फांसी की सजा पाने वाले दोषियों की फांसी की सजा पर कोर्ट ने शुक्रवार को अगले आदेश तक फिलहाल रोक लगा दिया है। फांसी पर रोक लगाने वाली याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई।
निर्भया के गुनहगारों ने अपनी तरफ से फांसी की सजा को टालने के लिए हरसंभव कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल किया है और इसी के चलते गुनहगार विनय ने फांसी पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं इसी मामले में एक और दोषी पवन के नाबालिग होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी थी।
दोषियों के वकील ने कोर्ट में कहा..
वहीं दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से कहा कि ये दोषी आतंकवादी नहीं हैं। वकील ने जेल मैनुअल के नियम 836 का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि ऐसे मामले में जहां एक से अधिक लोगों को मौत की सजा दी गई है, वहां दोषियों को तब तक फांसी की सजा नहीं दी गई है जब तक उन्होंने अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल ना कर लिया हो।
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा…
वहीं तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत को बताया कि केवल एक दोषी की ही दया याचिका लंबित है, अन्य को फांसी दी जा सकती है। वहीं दोषियों के वकील ने दिल्ली की अदालत को बताया कि जब एक दोषी की याचिका लंबित है तो नियमों के अनुसार अन्यों को भी फांसी नहीं दी सकती।