Breaking News

आतंकवाद के पूरे ‘इकोसिस्टम’ से मुकाबले के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही एक National Counter-terrorism Policy & Strategy बनाएगा

• केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में दो दिवसीय ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन-2024’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency), गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन-2024’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। गृह मंत्री ने NIA के ध्येय वाक्य (Motto) का अनावरण, UAPA मामलों की जांच के लिए SOP का विमोचन और NIA के 11 पदक विजेताओं को अलंकृत किया।

बहुत से बुजुर्ग पारिवारिक हिंसा के शिकार हैं!

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, आसूचना ब्यूरो (IB) के निदेशक तपन डेका, राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार पंकज सिंह और NIA के महानिदेशक सदानंद वसंत दाते सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सम्मेलन में राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, आतंकवाद-रोधी मुद्दों से संबंधित केन्द्रीय एजेंसियों/विभागों के अधिकारी और कानून, फॉरेंसिक, प्रौद्योगिकी आदि जैसे संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं।

आतंकवाद के पूरे ‘इकोसिस्टम’ से मुकाबले के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही एक National Counter-terrorism Policy & Strategy बनाएगा

सम्मलेन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि NIA सिर्फ एक जांच एजेंसी नहीं है बल्कि इसके तत्वावधान में देशभर की आतंकवाद विरोधी गतिविधियों का संकलन और संवर्धन होना चाहिए। साथ ही ऐसे उपाय करना चाहिए ताकि जांच एजेंसी कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखे और आतंकवाद निरोधक तंत्र मजबूत बने।

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा

अमित शाह ने कहा कि आज 11 पदक विजेताओं को भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद के 75 वर्षों में देश की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अब तक 36,468 पुलिसकर्मियों ने आतंरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

Please watch this video also 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति अपनाई है। प्रधानमंत्री मोदी के सूत्र वाक्य Zero Tolerance Against Terrorism को आज न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व ने स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि भारत में पिछले 10 साल में आतंकवाद से मुकाबले के लिए एक मजबूत ‘इकोसिस्टम’ का निर्माण हुआ है।

कार्तवीर सहस्त्रार्जुन ने नर्मदा जल के प्रबल प्रवाह को रोक रावण को बनाया बंदी

गृह मंत्री ने कहा कि हालांकि अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन अगर गत 10 साल के कामकाज को देखें तो इसे संतोषजनक कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि Terrorism, Terrorist और इसके पूरे इकोसिस्टम से लड़ने के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही एक National Counter-terrorism Policy & Strategy ले कर आएगा।

आतंकवाद के पूरे ‘इकोसिस्टम’ से मुकाबले के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही एक National Counter-terrorism Policy & Strategy बनाएगा

अमित शाह ने कहा कि राज्यों की अपनी भौगोलिक और संवैधानिक सीमाएं हैं, लेकिन आतंकवाद एवं आतंकवादियों की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय, दोनों तरह के षड्यंत्र करते हैं और हमें इसके खिलाफ अगर सटीक रणनीति बनानी है तो ऐसे सम्मेलनों की मदद से एक मजबूत तंत्र बनाना होगा ताकि आतंकवाद, नारकोटिक्स और हवाला सहित ऐसी सभी गतिविधियों पर लगाम लगा सके जो देश की सीमाओं और अर्थतंत्र को खतरे में डालती हों।

अपराध और अपराधियों को बचाने में अधिकारियों की संलिप्तता

उन्होंने भरोसा जताया कि यह सम्मलेन सिर्फ चर्चा का प्लेटफार्म नहीं बनेगा बल्कि इससे अमल में लाए जाने वाले बिंदु (Actionable Points) सामने आएंगे जो आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेंगे। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे सम्मलेन की उपयोगिता तभी है जब Actionable Points को हम थाने और बीट स्तर तक ले जाएँ और बीट से लेकर NIA के DG तक पूरे तंत्र को आतंकवाद के खतरों के बारे में जागरूक करने में सफल हों।

Please watch this video also 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दुनिया का मानना है कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए काफी कदम उठाये गए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का यह मतलब नहीं है कि कुछ एक षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश किया जाए, बल्कि इसका मतलब आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाली एजेंसियों के हाथ कानूनी रूप से मजबूत करना और एक ऐसा ‘इकोसिस्टम’ बनाना है ताकि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत हो सके।

Trump की जीत के भारत के लिए मायने

अमित शाह ने कहा कि 02 अगस्त 2019 को NIA एक्ट में संशोधन किया गया, जिसमें नए अपराध जोड़े गए और NIA को Extra Territorial Jurisdiction भी दिया गया, जिसकी वजह से अब NIA विदेश में भी जांच कर सकती है। गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) में भी 14 अगस्त 2019 को संशोधन किया गया, जिसके जरिये संपत्ति जब्त करने और व्यक्ति एवं संगठन को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार दिया गया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा De-radicalisation के प्रयासों का समन्वय किया गया, विभिन्न मंत्रालयों ने भी अपनी रणनीति तैयार की और गृह मंत्रालय ने एक संस्थागत तंत्र स्थापित करने का काम भी किया।

आतंकवाद के पूरे ‘इकोसिस्टम’ से मुकाबले के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही एक National Counter-terrorism Policy & Strategy बनाएगा

गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में आतंकवाद की फंडिंग को नियंत्रित करने के लिए 25 सूत्री इंटीग्रेटेड योजना बनाई गई, जिसमें जिहादी आतंकवाद से लेकर नार्थईस्ट में उग्रवाद, वामपंथी उग्रवाद और फेक करेंसी से लेकर नारकोटिक्स तक ढेर सारे कदम उठाये गए। विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) से लेकर Radicalisation के वित्त पोषण और अवैध हथियारों की तस्करी के ‘इकोसिस्टम’ को विभिन्न एजेंसियों के बीच पूरे सामंजस्य के साथ तोड़ने का काम किया गया और इसके बहुत अच्छे नतीजे मिले हैं।

उन्होंने कहा कि Multi Agency Centre (MAC) के कामकाज में बड़े पैमाने पर बदलाव लाया गया। श्री शाह ने कहा कि National Memory Bank की स्थापना की गई और उसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कदम उठाये गए और सूचना के आधार पर एक सेंट्रल डेटाबेस भी बनाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि कई ऐसे डेटाबेस बनाए गए हैं, जिनसे आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के हमारे प्रयासों को लाभ मिल सकता है।

Please watch this video also 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 15 से ज्यादा संगठनों को Terrorist Organization और Unlawful Association घोषित किया गया और अभी हाल में ही 7 अन्य संगठनों को भी Terrorist Organization घोषित किया गया है। श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद देश में कोई बड़ी आतंकवादी वारदात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों के कारण एक दशक में आतंकवादी घटनाओं में 70% की कमी आई है।

अमित शाह ने कहा कि पिछले पांच साल में ढेर सारे डेटाबेस का क्रियान्वयन किया गया है। उन्होंने कहा कि नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) एक केंद्रीकृत डेटा एक्सेस सोल्यूशन है, जिसका उपयोग करने के लिए पुलिस अधीक्षक स्तर तक के अधिकारियों में कार्य संस्कृति विकसित करने की ज़रुरत है। गृह मंत्री ने कहा कि NIA ने नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (NCORD), नेशनल इंटीग्रेटेड डेटाबेस ऑन अरेस्टेड नार्को ऑफेंडर्स (NIDAAN), मेंटल हेल्थ एंड नॉर्मेल्सी ऑग्मेंटेशन सिस्टम  (MANAS) जैसे कई डेटाबेस को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ उपयोग करने की पहल की है। श्री शाह ने इस बात पर बल दिया कि सभी राज्यों में पुलिसबलों के सभी स्तरों तक इन डेटाबेस का इस्तेमाल होना चाहिए।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि UAPA के मामलों में भी NIA ने जांच की है और लगभग 95 प्रतिशत की दोष सिद्दि दर प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि जब तक सभी बल तकनीक का इस्तेमाल नहीं करेंगे, तब तक हम आतंकवाद की समस्या से नहीं लड़ सकते। आतंकवाद एक सीमाहीन और अदृश्य दुश्मन है, जिसके खिलाफ जंग जीतने के लिए हमें अपने युवा अधिकारियों को तकनीक से लैस करना होगा।

आतंकवाद के पूरे ‘इकोसिस्टम’ से मुकाबले के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही एक National Counter-terrorism Policy & Strategy बनाएगा

अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों को देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन लाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को इन तीनों कानूनों को Letter & Spirit में लागू करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के Jail, Forensic, Court, Prosecution और Police में शत-प्रतिशत अमल के बाद भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बन जाएगी। गृह मंत्री ने कहा कि नए कानूनों में पहली बार आतंकवाद को पारिभाषित किया गया है।

दो डिप्टी सीएम, पांच मंत्री, एक केंद्रीय मंत्री के बाद मुख्यमंत्री योगी करेंगे जनसभा

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए Whole of Government Approach के साथ हमें एक एकीकृत एक्शनेबल सिस्टम बनाना होगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण, क्रिप्टो जैसी नई चुनौतियों से निपटने के लिए राज्यों के पुलिस थानों से लेकर पुलिस महानिदेशक के कार्यालय तक समन्वित अप्रोच अपनानी होगी। श्री शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम Need to Know से Duty to Share की ओर बढ़ें।

आतंकवाद के पूरे ‘इकोसिस्टम’ से मुकाबले के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही एक National Counter-terrorism Policy & Strategy बनाएगा

अमित शाह ने कहा कि सभी राज्य आतंकवाद के खिलाफ इस साझा लड़ाई को अपनी लड़ाई समझें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम एक मज़बूत संकल्प के साथ आतंकवाद से लड़ने के लिए एक इकोसिस्टम बनाएंगे, परिणाम भी लाएंगे और इस बुराई को जड़ से उखाड़ फेंकने में सफल भी होंगे।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

About Samar Saleel

Check Also

गैरपंजीकृत सुरक्षा एजेंसियों पर रोक का मामला

लखनऊ। यूपी में कई गैरपंजीकृत सुरक्षा एजेंसियां संचालित हो रही है। ऐसी एजेंसियों पर रोक ...