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बालों का इलाज करा रही महिला की डैमेज हो गई किडनी, अध्ययन की रिपोर्ट में सामने आई ये गंभीर बात

कॉस्मेटिक उत्पादों में प्रयोग में लाए जाने वाले कई प्रकार के रसायनों का त्वचा पर गंभीर असर हो सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कुछ प्रकार के उत्पादों में इतने हानिकारक रसायन हो सकते हैं, जिनसे गंभीर प्रकार के दुष्प्रभावों का जोखिम हो सकता है। पीएफएएस (पर एंड पॉलीफ्लोरोअल्काइल सबस्टेंस) ऐसे ही रसायन हैं, जिनका नेल पॉलिश, शेविंग क्रीम, फाउंडेशन, लिपस्टिक और मस्कारा जैसे कॉस्मेटिक उत्पादों में प्रयोग किया जाता रहा है। अध्ययनों में पाया गया है कि पीएफएएस न सिर्फ त्वचा में जमा हो सकते हैं, साथ ही इसके कारण कई तरह के दुष्प्रभावों यहां तक कि कैंसर का भी खतरा हो सकता है।

पीएफएएस के कारण होने वाले जोखिमों को देखते हुए न्यूजीलैंड सरकार ने कॉस्मेटिक उत्पादों में पीएफएएस के उपयोग को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। 31 दिसंबर, 2026 से पीएफएएस को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं कि कॉस्मेटिक उत्पादों में पीएफएएस का उपयोग क्यों किया जाता रहा है और इससे त्वचा को किस प्रकार के नुकसान का खतरा हो सकता है?

पीएफएएस हो सकते हैं बहुत हानिकारक

रिपोर्ट्स से पता चलता है कि पीएफएएस को त्वचा को चिकना रखने, कॉस्मेटिक उत्पादों को अधिक टिकाऊ बनाने और उन्हें वाटर रेजिस्टेंट बनाने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। इस रसायन से कॉस्मेटिक उत्पादों की प्रभाविकता तो बढ़ जाती है पर हमारे शरीर के लिए ये कई प्रकार से हानिकारक हो सकते हैं। उपभोक्ताओं और पर्यावरण की सुरक्षा के उद्देश्य से पीएफएएस के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला न्यूजीलैंड पहला देश बन गया है।

पीएफएएस के बारे में जानिए

पीएफएएस कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ाने वाले हो सकते हैं। इसके कारण कैंसर, जन्म दोष और प्रतिरक्षा प्रणाली में गड़बड़ी से संबंधित समस्याओं का जोखिम काफी बढ़ जाता है। समय के साथ ये शरीर में जमा होकर दीर्घकालिक जोखिमों को बढ़ाने वाले भी हो सकते हैं।

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