लखनऊ। भारतीय नववर्ष के अवसर पर रायबरेली रोड के निकट सम्राट विक्रमादित्य पार्क का उद्घाटन महापौर संयुक्ता भाटिया ने किया। नव वर्ष चेतना समिति के तत्वावधान में भारतीय नव वर्ष के अवसर पर वर्चुअल सेमिनार विक्रमोत्सव का आयोजन मेधज टेक्नोकांसेप्ट के सभागार में किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए संयुक्ता भाटिया ने कहा कि चैत्र के महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि प्रतिपदा को सृष्टि का आरंभ हुआ था। हमारा नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आरंभ होता है। इस दिन ग्रह और नक्षत्र मे परिवर्तन होता है। हिन्दी महीने की शुरूआत इसी दिन से होती है। पेड़पोधों मे फूल, मंजर, कली इसी समय आना शुरू होते है। वातावरण में एक नया उल्लास होता है। जो मन को आह्लादित कर देता है। जीवो में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है। इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था।
भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था। नवरात्र की शुरुआत इसी दिन से होती है। जिसमे हमलोग उपवास एवं पवित्र रह कर नव वर्ष की शुरूआत करते है। चारों ओर पकी फसल का दर्शन,आत्मबल और उत्साह को जन्म देता है। खेतों में हलचल, फसलों की कटाई, हसिए का मंगलमय खर-खर करता स्वर और खेतों में डाँट डपट मजाक करती आवाजें। जरा दृष्टि फैलाइए, भारत के आभा मंडल के चारों ओर। चैत्र क्या आया मानो खेतों में हंसी-खुशी की रौनक छा गई।
उन्होंने कहा कि नई फसल घर मे आने का समय भी यही है। इस समय प्रकृति मे उष्णता बढ्ने लगती है, जिससे पेड़-पौधे, जीव-जन्तु मे नव जीवन आ जाता है। लोग इतने मदमस्त हो जाते है कि आनंद में मंगलमय गीत गुनगुनाने लगते है। गौर और गणेश कि पूजा भी इसी दिन से तीन दिन तक राजस्थान मे कि जाती है।
चैत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के समय जो वार होता है वह ही वर्ष में संवत्सर का राजा कहा जाता है, मेषार्क प्रवेश के दिन जो वार होता है। वही संवत्सर का मंत्री होता है इस दिन सूर्य मेष राशि मे होता है। विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्मदिवस भी आज ही के दिन होता है। जिनको मैं शत शत नमन करती हूँ।