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शहर से लेकर देश के गाँवों तक जाता है भाजपा के ‘विकास का मार्ग’

  • Published by, Dr. Dilip Agnihotri, Wednesday, 23 Febraury, 2022
      डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

किसान कल्याण की सर्वाधिक योजनाएं वर्तमान सरकार ने क्रियान्वित की है। इनमें से कई अनवरत रूप से संचालित हो रही हैं। लेकिन, बिडंबना यह है कि इस सरकार को ही महीनों तक किसानों के नाम पर चल रहे आंदोलन का सामना करना पड़ा। जिसके चलते, किसानों को अधिकार प्रदान करने वाले कानूनों को भी वापस लेना पड़ा था। आंदोलनकारियों ने उन पार्टियों का समर्थन लिया, जो सत्ता में रहते हुए किसानों का कल्याण करने में नाकाम रहे थे।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से  86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रूपये का फसली ऋण माफ किया गया था। शपथ लेने के बाद सरकार का यह पहला कार्य था। इस प्रकार, सरकार ने किसान कल्याण को प्राथमिकता देने का सन्देश भी दिया था। सरकार ने 40 करोड़ गरीबों के जनधन खाते खोले। इनमें सर्वाधिक किसान ही थे। इसके बाद किसान सम्मान निधि प्रारंभ की गई। कोरोना आपदा के दौरान गरीबों को भरण पोषण भत्ता देने की व्यवस्था की गई। जनधन खाते खुलने के बाद बिचौलिए बाहर हो गए।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा सीधे किसानों के खातों पहुंचने लगा। कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 10 करोड़ किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रूपये डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किये थे। जिससे, उत्तर प्रदेश के करीब 2.50 करोड़ से अधिक किसान भी लाभान्वित हुए थे। यह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 10वीं किस्त का ऑनलाइन हस्तान्तरण था। नवगठित किसान उत्पादक संगठनों एफपीओ के करीब 1.30 लाख सदस्य किसानों को 14 करोड़ रुपये से अधिक इक्विटी ग्राण्ट ऑनलाइन हस्तान्तरित किये गए थे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष के दिसम्बर से मार्च के लिए उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ 37 लाख 26 हजार किसानों को देय किस्तों के लिए 475 हजार करोड़ रुपये तथा 5 लाख लम्बित किस्तों के लिए किसानों को सौ करोड़ रुपये के भुगतान की संस्तुति वर्तमान चौमासे में भारत सरकार से की गयी है। इस प्रकार 4 हजार 8 सौ करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान की संस्तुति की जा चुकी है। इस राशि को मिलाकर अब तक किसानों के खाते में 01 लाख 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि हस्तान्तरित की जा चुकी है।

इस धनराशि से किसान अच्छी क्वालिटी के बीज, खाद और उपकरण की खरीददारी कर सकते हैं। देश के छोटे किसानों के बढ़ते हुए सामर्थ्य को संगठित रूप से देने में हमारे किसान उत्पाद संगठनों एफपीओ की बड़ी भूमिका है। वर्तमान सरकार ने इस पर विशेष फोकस किया है। जो छोटा किसान पहले अलग-थलग रहता था, उसके पास अब एफपीओ के रूप में एक संगठन है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक साथ कई किसान मिलते हैं, तो उनके अनुभव भी साथ जुड़ते हैं और नये-नये इनोवेशन के लिए रास्ते भी खुलते हैं। सरकार ने एक दूरदर्शी प्रयास शुरु किया है। यह प्रयास प्राकृतिक खेती का है। अपनी धरती को बंजर होने से बचाने के लिए रसायन मुक्त खेती करनी होगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे प्राकृतिक खेती पर जोर दें।

अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत खेतों के किनारे सोलर पैनल एवं सोलर पम्प लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गयी है। इससे किसानों की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी। प्रदेश सरकार ने वृद्धों, दिव्यांगजन तथा निराश्रित महिलाओं की पेंशन राशि को दो गुना करने का कार्य किया है। इनमें भी गांव के लोग सम्मलित हैं। अब इन सभी को हर माह एक रुपये पेंशन राशि प्राप्त हो रही है। एक करोड़ निराश्रित महिलाओं, वृद्धों एवं दिव्यांगजन को 1000 रुपये की पेंशन उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके अलावा 4.50 करोड़ श्रमिकों के खाते में एक हजार रुपये की धनराशि प्रदेश सरकार अन्तरित करेगी।

कोविड की रोकथाम में अच्छा कार्य करने वाली आशा बहनों और आशा संगिनियों को 500 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त मानदेय उपलब्ध करने की व्यवस्था की गई। आशा और आशा संगिनी को केन्द्र सरकार की ओर से 2000 रुपये प्रतिमाह और राज्य सरकार की ओर से 7500 रुपये प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाता था। विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त होती थी। इस प्रकार लगभग 5300 रुपये मानदेय उपलब्ध हो पाता था।

प्रदेश सरकार ने तय किया है कि आशा और आशा संगिनियों को राज्य सरकार से मिलने वाली मासिक प्रोत्साहन राशि को 7500 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया। इससे कम से कम 6000 रुपये तक का निर्धारित मानदेय मिल सकेगा। प्रदेश व केन्द्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से 80,000 आशा बहनों को स्मार्ट फोन वितरित किये जा रहे हैं। शेष 80,000 आशा बहनों को दूसरे चरण में स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में 01 लाख 56 हजार आशा बहनें हैं, जो बच्चों के टीकाकरण से लेकर स्वास्थ्य से संबंधित हर एक अभियान से जुड़ी हैं।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश सभी जनपदों में मेडिकल कॉलेज खोलने की ओर अग्रसर है। 59 जनपदों में एक एक मेडिकल कॉलेज है। 33 नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। पीपीपी मोड पर भी दो नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से  ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ की तर्ज पर एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से आने वाले समय में सभी जनपदों में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

स्वॉयल हेल्थ कार्ड प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, खेती सिंचाई में विविधीकरण करने के साथ तकनीक का उपयोग से किसानों की लाभ मिल रहा है। देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करीब 5 दशक पहले हुई थी। वर्तमान सरकार ने लागत के डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागू करने का कार्य किया। वर्तमान सरकार ने प्रदेश में अनेक लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य किया। जिससे 22 लाख हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित हुई है।

पूर्ववर्ती सरकार के 05 वर्ष के कार्यकाल में आढ़तियों के माध्यम से करीब 123 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। वहीं वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सीधे किसानों से 230 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई। इसी तरह पिछली सरकार में करीब 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। वर्तमान प्रदेश सरकार ने करीब 219 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। एमएसपी का लाभ डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में देने का कार्य किया गया है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने किसानों को आलू का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य देकर लाभान्वित किया है।

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