शरीर में पानी का बढ़ना स्त्रियों में एक आम समस्या है. इससे वजन भी बढ़ता है. लेकिन नमक व चीनी का सेवन कम करने से आप इससे पार पा सकती हैं.बहुत सारी महिलाएं शरीर में अलावा पानी की समस्या अर्थात वॉटर रिटेंशन से पीड़ित होती हैं, जो उनके देखने व महसूस करने के उपायों को प्रभावित करती है. इसका प्रभाव उनके वजन पर भी पड़ता है.
वॉटर रिटेंशन हाथों, पैरों, टखनों, चेहरा, आंखों के नीचे, पेट, छाती आदि हिस्सों में दिख सकता है. यह नमक, चीनी, सफेद चावल व मैदा के अत्यधिक सेवन के कारण या हीमोग्लोबिन कम होने के कारण होने कि सम्भावना है. हार्ट फेल, किडनी का कार्य न करना, थकान या उससे जुड़ी अन्य समस्याएं, एलर्जी, विटामिन बी1 व बी6 की कमी, मासिक
धर्म से जुड़े तनाव आदि भी वॉटर रिटेंशन की वजह हो सकते हैं. यह मौखिक गर्भ निरोधकों या दर्द निवारकों के सेवन का नतीजा भी होने कि सम्भावना है.
इस समस्या को दूर करने के लिए किसी मूत्रवर्धक दवा को अपनाने की बजाय, इसके बुनियादी कारण को खोजने व उसे खत्म करने की सलाह दी जाती है. एडिमा (शरीर के ऊतकों में अलावा द्रव का जमा होना) के अहम कारण चिकित्सकीय हस्तक्षेप से ही दूर हो सकते हैं.
वॉटर रिटेंशन रोकने के उपाय-
-नमक व चीनी का सेवन कम करें.
-अपने आहार में प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं. जैसे अंकुरित मूंग, साबुत दाल, पनीर, टोफू, मछली, अंडे व कम वसा वाला दही.
-अपने हीमोग्लोबिन की नियमित जाँच करें. अगर यह कम है तो एक बी-कॉम्प्लेक्स के साथ आयरन की पूरक खुराक ले सकते हैं. अगर यह सामान्य है तो फलों व पत्तेदार सब्जियों का सेवन बढ़ा सकते हैं.
-परिष्कृत आटा या मैदा से बने उत्पाद बिल्कुल न लें. ऐसे उत्पादों में अनेक बिस्कुट, नान, रूमाली रोटी, बर्गर, पिज्जा, व्हाइट ब्रेड, केक व पेस्ट्री शामिल हैं.
-विटामिन-सी का सेवन बढ़ाएं. अमरूद, शिमला मिर्च, संतरा, नीबू, मौसमी, टमाटर, अनन्नास, पत्तागोभी आदि इसके बेहतर स्रोत हैं.
-अगर आप जानते हैं कि कोई खास वस्तु खाने से आपको वॉटर रिटेंशन होता है तो आपको उससे बचना चाहिए.