अमेरिकी उपराष्ट्रपति के एक बयान से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ईऱान सुलेमानी का बदला नहीं ले पाएगा। अगर ईरान ने अमेरिका की सब्र की समाओं को पार करते हुए कुछ भी कार्रावाई की तो ईरानियों के लिए ठीक नहीं होगा। अब सवाल ये उठता है कि क्या अमेरिका ने ईरान को मात दे दी या नहीं?
अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने दावा किया है कि ईरान अब बैकफुट पर आ गया है और उसने अपनी सेनाओं को संदेश देना शुरू कर दिया है। ईरान के द्वारा ईराक में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले के बाद प्रेसिडेंट ट्रम्प ने ईरान को धमकी दी है। अब माइक पेंस ने बताया कि उनके पास इंटेलिजेंस इनपुट आया है कि ईरान ने अमेरिका की इच्छा के विरूद्ध ना जाने की सलाह दी है।
एक इंटरव्यू में अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने बताया कि हमें निरंतर इनपुट मिल रहे हैं कि ईरान ने अपनी सेना को कहा है कि अब अमेरिका की सेना या उनके नागरिकों के विरूद्ध कदम ना उठाएं। हमें उम्मीद है कि ईरान का ये संदेश निरंतर फैलता जाए और हर उनके हर जवान के पास पहुंचे।
बता दें कि अमेरिका के द्वारा ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने के बाद ईरान ने अपना बदला लिया है। ईरान की ओर से 22 बैलेस्टिक मिसाइल दागी गईं, जिनका निशाना इराक में मौजूद अमेरिका का सैन्य अड्डा था। ईरान की तरफ से दावा किया गया था कि इसमें 80 से ज्यादा अमेरिकी जवानों की मौत हो गई है।
अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने राष्ट्र को संबोधन में ये दावा किया कि ईरानी हमले में किसी भी अमेरिकी सैनिक की मौत नहीं हुई है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने दावा किया कि जनरल सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिकी नागरिक अब सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ईरान में सरकार बदलना नहीं चाहती है लेकिन सरकार के व्यवहार में बदलाव चाहती है।
माइक पेंस बोले कि हम एक ऐसे देश से मुकाबला कर रहे हैं जो 20 वर्ष से आतंक का समर्थन कर रहा है। लेकिन हम भी पूरी तरह से तैयार हैं। अमेरिका को निरंतर इनपुट मिल रहे थे, इसी वजह से सुलेमानी का मारा जाना अवश्य था।