नई दिल्ली। तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) के लिए इस समय एकीकृत नियामक की सख्त जरूरत है। गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (जीएनएलयू) ने रिपोर्ट में सरकार से इसकी सिफारिश की है। इससे यूजर्स की सुरक्षा की जा सकेगी। किसी भी उभरती हुई तकनीक की तरह इस क्षेत्र के तेज विस्तार ने ग्राहकों की सुरक्षा और वित्तीय जोखिमों से संबंधित चुनौतियां पैदा कर दी है।
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जीएनएलयू की रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के आर्थिक विकास की क्षमताओं व यूजर्स की सुरक्षा के बीच संतुलन की जरूरत है। जीएनएलयू के निदेशक डॉ. संजीवी शांताकुमार ने कहा, यह रिपोर्ट व्यापक शोध एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से विमर्श के आधार पर तैयार की गई है। इसमें की गई सिफारिशें अगर लागू होती हैं तो भारत में इस उद्योग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
भरत में 50 करोड़ से ज्यादा गेमर्स हैं। चीन के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा यूजर्स वाला देश है। बावजूद इसके यूजर्स की सुरक्षा को लेकर कोई तैयारी नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के पूर्व वरिष्ठ निदेशक (साइबर लॉ एंड डाटा गवर्नेंस) राकेश माहेश्वरी ने कहा, इस रिपोर्ट से भारत में ऑनलाइन गेमिंग के नियमन को लेकर नया पहलू सामने आया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स को ऐसे साधन देकर मजबूत करना चाहिए, जिनसे वे अपनी गेमिंग को नियंत्रित कर सकें।