गुजरात में भी बागी नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने से खफा पार्टी के कम से कम एक मौजूदा विधायक और चार पूर्व विधायकों ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की धमकी दी है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा। भाजपा ने अब तक कुल 182 विधानसभा क्षेत्रों में से 166 क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं।
उल्लेखनीय है कि हर्षद वसावा भाजपा की #गुजरात इकाई के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं और उन्होंने 2002 से 2007 और 2007 से 2012 तक पूर्ववर्ती राजपीपला सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
नर्मदा जिले की नंदोड सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। इस सीट से भाजपा ने डॉ दर्शन देशमुख को उतारा है। इस घोषणा से नाखुश हर्षद वसावा ने भाजपा में अपने पद से इस्तीफा दे दिया और शुक्रवार को नंदोड सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
वसावा ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि यहां असली भाजपा और नकली भाजपा है। हम उन लोगों को बेनकाब करेंगे, जिन्होंने प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया है और नए लोगों को महत्वपूर्ण पद दे दिए। मैंने अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है। इस क्षेत्र के लोग जानते हैं कि मैंने 2002 से 2012 के बीच विधायक के रूप में कितना काम किया है।
पड़ोसी वडोदरा जिले में एक मौजूदा और दो पूर्व भाजपा विधायक टिकट न दिए जाने के कारण पार्टी से नाराज हैं। वाघोडिया से छह बार के विधायक मधु श्रीवास्तव ने टिकट नहीं दिए जाने के बाद कहा कि अगर उनके समर्थक चाहते हैं तो वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने इस सीट से अश्विन पटेल को उतारा है।
पार्टी के कुछ असंतुष्ट नेताओं ने कहा है कि वे अपने समर्थकों से परामर्श करने के बाद अपना अगला कदम उठाएंगे, लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक हर्षद वसावा ने शुक्रवार को नंदोड (अनुसूचित जनजाति आरक्षित) सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।