समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और रामपुर लोकसभा सीट से सांसद और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान को प्रयागराज स्थित राजस्व बोर्ड कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। राजस्व बोर्ड कोर्ट ने योगी सरकार को निर्देश दिया है कि वो आजम खान के मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से 100 बीघा भूमि वापस ले। सपा सांसद आजम खान इस यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं और 2006 में शुरू हुई ये यूनिवर्सिटी 500 एकड़ भूमि में बनी है।
राजस्व बोर्ड कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि आज़म खान ने ये 100 बीघा भूमि 12 दलितों से खरीदी है। इस खरीद में आजम खान ने उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि-सुधार कानून का उल्लंघन किया था। धारा 155-एए और 131-बी कानून छोटे भूमि-स्वामी दलितों को अपनी भूमि को गैर-अनुसूचित जाति में ट्रांसफर करने से रोकता है और अगर वे ऐसा करते हैं, तो इसे जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृति मिलनी चाहिए। कोर्ट ने मुरादाबाद कमिश्नर कोर्ट के उस आदेश को भी ख़ारिज कर दिया जिसमें 2013 में जमीन की बिक्री की इजाजत दी गई थी।
रामपुर के DM आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि, ‘चूंकि, 12 दलित किसान छोटे भू-स्वामी थे, इसलिए इसकी इजाजत नहीं थी, और अगर जमीन की बिक्री होती है, तो जिला प्रशासन से लिखित इजाजत की आवश्यकता होती है। इन सभी मानदंडों की धज्जियां उड़ाई गईं।’ उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश की कॉपी प्राप्त होने के बाद जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी