देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले को लेकर मोदी सरकार के अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को अपनी मुहर लगा दी। राष्ट्रपति ने आज महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही यह अध्यादेश आज से देश भर में कानून का रूप ले लेगा। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को अब गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
जिसके तहत अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को सख्त सजा दी जा सकेगी। यह अब गैर-जमानती अपराध बन गया है। महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने वाले इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को आई चोट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है।
President Ram Nath Kovind has approved to promulgate The Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance, 2020 which provides stricter punishments for attacks against health workers. pic.twitter.com/6lyzFVv38P
— ANI (@ANI) April 23, 2020
गौरतलब है कि कोविड-19 का ईलाज कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ पर लगातार हमलों की खबर आ रही थी। लगातार बढ़ती घटनाओं के विरोध में डॉक्टरों ने मंगलवार और बुधबार को विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया था। लेकिन गृह मंत्री के हस्तक्षेप और डॉक्टरों से वार्ता के बाद सरकार ने इन हमलों को रोकने के लिये कानून में संशोधन का फैसला लिया।
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश की उद्घोषणा के लिए अपनी मंजूरी दे दी।’ अध्यादेश के अनुसार ऐसा हिंसक कृत्य करने या उसमें सहयोग करने पर तीन महीने से पांच साल तक कैद और 50 हजार से लेकर दो लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। गंभीर चोट/जख्म पहुंचाने पर दोषी को छह माह से लेकर सात साल तक कैद की सजा होगी और एक लाख से लेकर पांच लाख रूपये तक उस पर जुर्माना लगेगा।